डलहौजी बोली हैप्पी बर्थ डे नेताजी

नेताजी सुभाष चंद्र बोस डलहौज़ी में बिताए थे जीवन के छह महीने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा और जय हिंद इन नारों से आजादी की लड़ाई को नई ऊर...

डलहौजी बोली हैप्पी बर्थ डे नेताजी

डलहौजी बोली हैप्पी बर्थ डे नेताजी

नेताजी सुभाष चंद्र बोस डलहौज़ी में बिताए थे जीवन के छह महीने

तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा और जय हिंद इन नारों से आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले स्वतंत्रता आंदोलन के महान प्रणेता 23 जनवरी 1897 को जन्मे महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का डलहौजी से गहरा नाता रहा है। 1937 में मई महीने की शुरुआत में सुभाष चंद्र बोस ने डलहौजी में छह महीने गुप्त रूप से बिताए। डलहौजी आने से पूर्व ब्रिटिश हुकूमत ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जेल में भेज दिया था। यहां उनका स्वास्थ्य तेजी से गिर रहा था। परिवार के आग्रह पर और बिगड़ती हालत के चलते ब्रिटिश हाईकोर्ट ने नेताजी को पैरोल पर रिहा कर दिया। इसके बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इंग्लैंड के अपने छात्र जीवन के मित्र डाक्टर धर्मवीर और उनकी पत्नी के पास डलहौजी जाने का फैसला किया।

डलहौजी की औषधीय बावड़ी के पानी का नियमित सेवन करने से नेताजी शीघ्र ही स्वस्थ होकर लौटे थे 

इन दिनों डलहौजी उत्तर भारत का प्रसिद्ध आरोग्य-स्थल था। यहां 1937 में अपने गिरते स्वास्थ्य के कारण नेताजी आए थे और इस दौरान वह तीन किलोमीटर दूर बावड़ी पर सैर के लिए जाते और यहां के औषधीय पानी का नियमित सेवन करने लगे। कहा जाता है कि यहां के पानी के औषधीय गुणों के कारण नेताजी शीघ्र ही स्वस्थ होकर लौटे। इस ऐतिहासिक पहलू के कारण इस बावड़ी का नाम सुभाष बावड़ी रखा गया। शहर के चौक का नाम भी सुभाष चौक रखा है। जहां नेताजी की प्रतिमा स्थापित है। इसके साथ ही सरकारी स्कूल का नाम भी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया है।