गेहूं की सोना मोती, बंसी कठिया, शस्त्रती और खपली जैसी किस्मों के गेहूं से बने आटे के सेवन से दिल के रोगों व मधुमेह रोग से भी दूरी बनी रहेगी कृषि वि...
दिल के रोग और मधुमेह से दूर रखेगा गेहूं
गेहूं की सोना मोती, बंसी कठिया, शस्त्रती और खपली जैसी किस्मों के गेहूं से बने आटे के सेवन से दिल के रोगों व मधुमेह रोग से भी दूरी बनी रहेगी
कृषि विभाग सिरमौर में गेहूं की पुरानी किस्मों को विकसित करेगा। विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी चुकी ये किस्में न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि दिनोंदिन बढ़ रही बीमारियों पर नियंत्रण पाने में भी कारगर है। गेहूं की सोना मोती, बंसी कठिया, शस्त्रती और खपली जैसी किस्में दशकों पुरानी है, इनका बीज मिलना दुर्लभ है। इन किस्मों के गेहूं से बने आटे के सेवन से न केवल दिल के रोगों से छुटकारा मिलेगा बल्कि मधुमेह और कब्न रोग से भी दूरी बनी रहेगी। दरअसल, सोना मोती किस्म विश्व की एकमात्र फोलिक एसिड गेहूं है। इसमें लो स्कूटेन और लोअर स्लाइसेमिक इंडेक्स किस्म जैसी सहनियां हैं। इसी तरह खपली गेहूं ग्लूटेन फ्री होने के साथ साथ फाइबरयुक्त है। जो दिल, मधुमेह और कब्ज जैसे रोगों के लिए विशेष लाभकारी है। इसी तरह बंसी किस्म की गेहूं लिक, ची. लड़ड और चपाती के लिए सर्वोत्तम दशकों पहले सिरमौर में उगाई जाती थीं। शरबती गेहूं की किस्म भी गुणकारी है।
कृषि विभाग सिरमौर के उप निदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा पुरानी किस्म के बीज को फार्म में विकसित किया जाएगा
ये किस्में दशकों पहले सिरमौर में उगाई जाती थी, जो अब बीते जमाने की बात हो गई है। ऐसे में अब कृषि विभाग इन पुरानी किस्मों की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी कर रहा है। कृषि विभाग सिरमौर के उप निदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि पुरानी किस्म के बीज को फार्म में विकसित किया जाएगा। सोना मोती, बंसी, शरबती और खपली किस्मों का गेहूं मिलना दुर्लभ है। ये किस्में स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक हैं। इनमें कई तरह की सुनिया है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।