हिमाचल में डेढ़ वर्ष के भीतर नशे की ओवरडोज से हुई 11 मौतें

डेढ़ वर्ष की अवधि में ही नशा तस्करी के 2947 मामले दर्ज प्रदेश में बीते करीब डेढ़ वर्ष के भीतर नशे की ओवरडोज से 11 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही...

हिमाचल में डेढ़ वर्ष के भीतर नशे की ओवरडोज से हुई 11 मौतें

हिमाचल में डेढ़ वर्ष के भीतर नशे की ओवरडोज से हुई 11 मौतें

डेढ़ वर्ष की अवधि में ही नशा तस्करी के 2947 मामले दर्ज

प्रदेश में बीते करीब डेढ़ वर्ष के भीतर नशे की ओवरडोज से 11 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही उक्त अवधि में नशा तस्करी के 2947 मामले दर्ज हुए हैं। विधायक दीप राज और मलेंद्र राजन की तरफ से पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उतर में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को सदन में यह लिखित जानकारी दी। विधायकों का प्रश्न था कि गत डेढ़ वर्ष से बीते 31 जुलाई तक चिट्टा व अन्य नशा तस्करों के कितने मामले दर्ज हुए हैं और उन पर क्या कार्रवाई अमल में लाई गई है। इसके लिखित जवाब में सी.एम. ने जानकारी दी कि नशा तस्करी के खिलाफ बने कानूनों को कठोरता से लागू किया जा रहा है। हिमाचल सरकार द्वारा एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

 हर पुलिस थाना स्तर पर नशा निवारण समितियों का गठन

नारकोटिक ड्रग से जुड़े मामलों को लेकर हर पुलिस थाने में एक अलग रजिस्टर तैयार किया गया है, जिसमें नशीले पदार्थों की तस्करी के अपराधियों का पूरा ब्यौरा रखा जाता है। जो अपराधी जेल से सजा काटकर आते हैं, उन पर भी निगरानी रखी जाती है। नशा तस्करी से बनाई गई अवैध संपत्ति को भी कानून के प्रावधानों के तहत जब्त किया जा रहा है। पुलिस की ओर से समाज में और खासकर युवाओं के बीच नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है। हर पुलिस थाना स्तर पर नशा निवारण समितियों का गठन किया गया है। नशे के सौदागरों की जानकारी देने के लिए टोल फ्री नंबर 1908 शुरू किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति कभी भी अवैध तस्करी की सूचना दे सकता है। साथ ही नशे के फैलते जाल को रोकने के लिए नशा मुक्त हिमाचल मोबाइल ड्रग फ्री एप को शुरू किया गया है जिसे लेकर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

11 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त

लिखित जानकारी में स्पष्ट किया गया है कि बीते डेढ़ वर्ष में नशा तस्करों की 7 मामलों में 11,05,79,319 रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। ये मामले डमटाल, इंदौरा, औट, हटली थाना, नुरपूर, धर्मपुर थाने में दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही देश के उत्तरी राज्यों का पंचकूला में एक समन्वय सचिवालय खोला गया है, जिसमें प्रदेश पुलिस के कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इसका उद्देश्य नशे से संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान के माध्यम से नशे को रोकना है।