हिमाचल में सीजन का सबसे गर्म दिन, 4 जिलों में पारा 40 के पार

मंगलवार को भी हिमाचल के कई क्षेत्रों में लू चलने का अलर्ट हिमाचल प्रदेश में चिलचिलाती गर्मी पसीने छुड़ा रही है। सोमवार को सीजन का सबसे गर्म दिन रिक...

हिमाचल में सीजन का सबसे गर्म दिन, 4 जिलों में पारा 40 के पार

हिमाचल में सीजन का सबसे गर्म दिन, 4 जिलों में पारा 40 के पार

मंगलवार को भी हिमाचल के कई क्षेत्रों में लू चलने का अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में चिलचिलाती गर्मी पसीने छुड़ा रही है। सोमवार को सीजन का सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया। हमीरपुर के नेरी में अधिकतम तापमान सबसे ज्यादा 42.6, ऊना में 42.4 डिग्री सेल्सियस रहा। प्रदेश के चार जिलों का पारा 40 डिग्री को पार कर गया। कांगड़ा शहर का पारा 40.4 और बिलासपुर का 40.1 डिग्री रहा। सोमवार को मैदानी क्षेत्रों में लू चली। मंगलवार को भी कई क्षेत्रों में लू चलने का अलर्ट है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 12 जून तक प्रदेश में धूप खिली रहेगी। अगले तीन दिन पारा दो से तीन डिग्री और चढ़ने की आशंका है। उधर, 13 से 15 जून तक प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर गर्ज के साथ बारिश और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। राजधानी शिमला का अधिकतम पारा भी 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। पहाड़ों की रानी में भी दिन को लोग छाता लेकर और महिलाएं चुनरी लेकर जाती दिखीं।

शीत मरुस्थल ताबो का पारा शिमला से ज्यादा

प्रदेश के अति दुर्गम क्षेत्र और शीत मरुस्थल किन्नौर के ताबो क्षेत्र का अधिकतम पारा सोमवार को 29.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि राजधानी शिमला का अधिकतम पारा भी 29 डिग्री रहा। सर्दियों में सबसे ठंडा क्षेत्र रहने वाला इन दिनों गर्मी से झुलस रहा है। केलांग का पारा भी 26 डिग्री तक पहुंच गया है।

ऊना में बिगड़ी 14 छात्राओं की तबीयत, कुछ कैडेट्स बेहोश

जवाहर नवोदय विद्यालय पेखुबेला में चल रहे एनसीसी शिविर में सोमवार दोपहर गर्मी के चलते 14 छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ गई। कुछ कैडेट्स तो बेहोश हो गईं। सभी को उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने बताया कि भीषण गर्मी से पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होने से छात्राएं बेहोश हुई हैं। जानकारी के मुताबिक, सुबह जैसे ही कैडेट्स ने दौड़ लगानी शुरू की तो एक के बाद एक छात्राओं की तबीयत खराब होने लगी। कुछ कैडेट्स को चक्कर आने लगा और उल्टियां भी हुईं। छात्राओं की तबीयत बिगड़ते देख उन्हें क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया। हालत में सुधार होने के बाद अधिकतर कैडेट्स को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एक कैडेट का अभी उपचार अस्पताल में चल रहा है। शिविर में स्कूल-कॉलेजों की 500 के करीब कैडेट्स भाग ले रही हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास चौहान का कहना है कि शिविर में गर्मी के चलते छात्राओं में पानी की कमी हो गई। उन्होंने स्वच्छ पानी पीने और संतुलित आहार का सेवन करने की सलाह दी है। 

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