चुराह वन मंडल के दायरे में आने वाली टिकरी वन बीट में देवदार के 8500 पौधे जंगल की आग की भेंट चढ़ चुके हैं। पशुपालकों की घासनी भी आग में स्वाह हो गई है।...
चुराह वन मंडल के टिकरी वन बीट में देवदार के 8500 पौधे जलकर राख
चुराह वन मंडल के दायरे में आने वाली टिकरी वन बीट में देवदार के 8500 पौधे जंगल की आग की भेंट चढ़ चुके हैं। पशुपालकों की घासनी भी आग में स्वाह हो गई है। टिकरीगढ़ पंचायत के छाराढोह नामक जंगल में बुधवार को भयंकर आग भड़की थी। देखते ही देखते यह आग वन विभाग के रकबे में पहुंच गई। यहां बरसात में लगाए देवदार के पौधे आग की चपेट में आ गए। हालांकि, वन रक्षक ने रकबे में लगे पौधों को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि पौधों को बचाना मुमकिन नहीं था।
देवदार के पौधे, पशु पालकों की घासनी और अधवारी भी जलकर राख हो गई
इससे वन विभाग को काफी नुकसान पहुंचा है। रकबे में देवदार के पौधे लगाने के लिए विभाग ने काफी मेहनत कर धनराशि खर्च की थी। पशु पालकों की घासनी और अधवारी भी जलकर राख हो गई है। अब पशुपालकों को सर्दियों में अपने मवेशियों के लिए चारा जुटाने की चिंता सता रही है।
टिकरी वन बीट के वन रक्षक नेकराम ने कहा कि जंगल की आग से रकबे में लगाए 8500 देवदार, और टिकरीगढ़ के बाधा गांव निवासी लोभी राम की आधवारी जल गई
जंगल की आग से वन विभाग के रकबे को नुकसान पहुंचा है। जंगल में विचरण करने वाले जीव-जंतु भी आग की चपेट में आए हैं। लाखों की वन संपदा आग की चपेट में आने से राख हो गई है। जंगल में आग कैसे लगी, इसको लेकर विभाग अभी तक जानकारी नहीं जुटा पाया है। यही अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी शरारती तत्व ने जंगल में आग लगाई है। ग्राम पंचायत टिकरीगढ़ के बाधा गांव निवासी लोभी राम की आधवारी जंगल की आग में जलकर राख हो गई। टिकरी वन बीट के वन रक्षक नेकराम ने कहा कि जंगल की आग से रकबे में लगाए 8500 देवदार के पौधे जल गए हैं। इसको लेकर उच्चाधिकारी को जानकारी दे दी गई है।