सुरक्षा की दृष्टि से यह काफी चिंता का विषय है कि जेएंडके के साथ सटे गांवों में अभी भी मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं जम्मू-कश्मीर की सीमा से सटी भां...
चम्बा जिला के छ: गांव ऐसे जहां अभी भी नहीं बजती मोबाइल की घंटी
सुरक्षा की दृष्टि से यह काफी चिंता का विषय है कि जेएंडके के साथ सटे गांवों में अभी भी मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं
जम्मू-कश्मीर की सीमा से सटी भांदल पंचायत के छह गांवों में आज भी मोबाइल फोन की घंटी ही नहीं बजती। लोगों के पास मोबाइल तो हैं, लेकिन उसमें किसी भी कंपनी का नेटवर्क नहीं आता। बात करने के लिए लोगों को पांच किलोमीटर दूर प्रियुंगल जाना पड़ता है। वहां संघणी में लगे एयरटेल कंपनी के टावर का नेटवर्क आता है। सुरक्षा की दृष्टि से यह काफी चिंता का विषय है कि जेएंडके के साथ सटे गांवों में अभी तक मोबाइल नेटवर्क की सुविधा ही उपलब्ध नहीं है। आपातकालीन स्थिति में ग्रामीणों को पुलिस तक कोई सूचना पहुंचानी हो तो उन्हें या तो चेक पोस्ट में जाना पड़ेगा। या फिर पांच किलोमीटर की दूरी तय कर प्रियुंगल से फोन करना होगा।
ग्रामीणों के कई बार इस मुद्दे को उठाने पर उन्हें सिर्फ आश्वासन मिले
ग्रामीणों में सतीश कुमार, रमेश, जर्म सिंह, हेम राज, चैन लाल, चुनी लाल, सोभिया राम और प्यार चंद ने बताया कि लंगेरा, मटून, भैंड सहित आधा दर्जन गांवों में रहने वाली 1500 आबादी अभी तक मोबाइल नेटवर्क से नहीं जुड़ पाई है। ऐसा कोई घर नहीं होगा, जहां मोबाइल फोन नहीं होंगे। लेकिन नेटवर्क के बिना उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। ग्रामीण कई बार इस मुद्दे को उठा चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन मिले। यही कारण है कि अभी तक ग्रामीण मोबाइल नेटवर्क से वंचित हैं। कार्यवाहक एसडीएम अभिराय सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अभी कार्यभार संभाला है। इस मामले में जानकारी जुटाकर बीएसएनएल व अन्य नेटवर्क कंपनी के अधिकारियों से बात की जाएगी