हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में 1500 पद भरने की मंजूरी, पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम से होगी पढ़ाई

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में पैरा मेडिकल स्टाफ के 1,500 पद भरने का फैसला लिया है। ये भर्तियां ऑपरेशन थियेटर असिस्ट...

हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में 1500 पद भरने की मंजूरी, पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम से होगी पढ़ाई

हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में 1500 पद भरने की मंजूरी, पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम से होगी पढ़ाई

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में पैरा मेडिकल स्टाफ के 1,500 पद भरने का फैसला लिया है। ये भर्तियां ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट सहित अन्य श्रेणियों के विभिन्न पदों पर होंगी। ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट की भर्ती राज्य चयन आयोग के माध्यम से पायलट आधार पर होगी। यह फैसला बुधवार को तपोवन स्थित परिसर में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

कैबिनेट बैठक में सरकार ने निर्णय लिया कि सेवानिवृत्त पटवारियों, कानूनगो और नायब तहसीलदारों की सेवाएं लेंगी 

विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन की बैठक खत्म होने के साथ ही शाम को बैठक हुई। इसमें निर्णय हुआ कि राजस्व विभाग में लंबित मामलों के निपटारे के लिए सरकार सेवानिवृत्त पटवारियों, कानूनगो और नायब तहसीलदार को सेवाओं पर रखेगी। इन्हें दिया जाने वाला मानदेय भी तय किया गया। पटवारी को 20,000 रुपये प्रतिमाह, कानूनगो को 25,000 और नायब तहसीलदार को 35,000 रुपये मानदेय मिलेगा। यह राजस्व विभाग में निशानदेही, इंतकाल आदि के लंबित मामले निपटाएंगे। इनकी नियुक्तियों से लोगों को राहत मिलेगी।


मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी स्वरोजगार योजना की ड्राफ्ट अधिसूचना को भी मंजूरी दी। यह भी फैसला लिया गया कि अगले शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू होगी। यह कांग्रेस की गारंटी में शामिल है। इसे पहले ही तय किया जा चुका है। यह भी निर्णय हुआ कि स्कूल अपने स्तर पर स्मार्ट वर्दी खरीद पाएंगे। ऊर्जा और राज्य चयन आयोग की भी दो प्रस्तुतियां दी गईं। कुछ विधेयकों के ड्राफ्ट को भी मंजूरी मिली है। यह आगामी दिनों में शीत सत्र में ही पेश किए जाएंगे।

प्रदेश में 100 करोड़ का खनन घोटाला, करवाएंगे जांच: सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में नियमों को पूरा करने वाले क्रशर ही चलेंगे। पूर्व की भाजपा सरकार में प्रदेश मं 100 करोड़ रुपये से अधिक का खनन घोटाला हुआ है। वर्तमान सरकार ने केवल उन क्रशरों को बंद किया गया जो नियमों को पूरा नहीं करते। विपक्ष के नेता क्रशर के मामले पर बेवजह हंगामा कर रहे हैं। विपक्ष के हंगामे के पीछे की वजह भी हम जानते हैं, हम इस मामले में नहीं पड़ना चाहते। पूर्व सरकार के समय प्रदेश में 22 माइनिंग लीज सात करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से आवंटित की गई, जबकि माइनिंग प्लान के हिसाब से यह प्रति वर्ष 24 करोड़ बनता था, यही तो घोटाला था। सरकार पूर्व में हुई इस माइनिंग ऑक्शन की जांच करवाएगी। विपक्ष जिस तरह से क्रशर के मामले को उठा रहा है, उसे लगता है कि उन पर किसी व्यक्ति विशेष का दबाव है। वाटर सेस के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड भी यही कानून अपना रहा है, लेकिन वहां सरकारी उपक्रम सरकार के खिलाफ किसी भी कोर्ट में नहीं गए।