धर्मशाला रैली से पहले बुलाई कैबिनेट, आठ दिसंबर को शिमला में आयोजित होगी सुक्खू मंत्रिमंडल की बैठक

हिमाचल प्रदेश सरकार के एक साल के कार्यकाल पर 11 दिसंबर को धर्मशाला में होने वाली रैली से ठीक पहले आठ दिसंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैब...

धर्मशाला रैली से पहले बुलाई कैबिनेट, आठ दिसंबर को शिमला में आयोजित होगी सुक्खू मंत्रिमंडल की बैठक

धर्मशाला रैली से पहले बुलाई कैबिनेट, आठ दिसंबर को शिमला में आयोजित होगी सुक्खू मंत्रिमंडल की बैठक

हिमाचल प्रदेश सरकार के एक साल के कार्यकाल पर 11 दिसंबर को धर्मशाला में होने वाली रैली से ठीक पहले आठ दिसंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। यह बैठक शिमला में ही होगी। 11 दिसंबर की रैली में होने वाली घोषणाओं को लेकर भी इस कैबिनेट की बैठक में चर्चा संभव है। पिछले शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षा मंत्री नहीं थे, इसलिए शिक्षा से संबंधित कई मामले नहीं लग पाए थे। इसमें इस बार शिक्षा विभाग गेस्ट टीचर पॉलिसी को लाया जा सकता है। इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। वैसे भी मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को टारगेट दिया है कि अगले शिक्षा सत्र के शुरू होते ही शिक्षा विभाग में सभी वैकेंसी को इस पॉलिसी के जरिए भर दिया जाए। शिक्षा विभाग इसी पॉलिसी में कुछ नए प्रावधान भी करने जा रहा है, लेकिन महत्त्वपूर्ण सवाल यह होगा कि भविष्य में बैचवाइज भर्तियों का क्या होगा और गेस्ट टीचर सरकार कितने साल के लिए रखेगी? इसके अलावा शिक्षा विभाग से ही राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कीम में संशोधन के अलावा शिक्षा विभाग में शुरू की गई एक फीसदी ब्याज वाली ऋण योजना में भी कुछ संशोधन कैबिनेट करेगी।

राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों के लिए जमीन की जरूरत को भी नए सिरे से परिभाषित किया जा सकता है। इस कैबिनेट में राजस्व विभाग की तरफ से स्टांप एक्ट में संशोधन को लेकर मामला भी रखा जाएगा। इस बारे में धर्मशाला शीत सत्र में भी बिल आना है। वर्तमान सरकार में राजस्व कानून में इससे पहले भी कई तरह के रिफॉर्म हो चुके हैं। वैसे राज्य के सरकारी कर्मचारियों को कैबिनेट के बजाय 11 दिसंबर की रैली में होने वाली घोषणाओं का इंतजार है। इसकी सबसे बड़ी वजह है महंगाई भत्ते का 12 फीसदी बकाया होना। चार फीसदी की तीन किस्तें कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए लंबित हैं। हालांकि वेतन आयोग का एरियर भी अभी नहीं दिया गया है, लेकिन महंगाई भत्ते की लंबित होने के कारण कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन पर सीधा असर पड़ रहा है। इस तरह के मामले कैबिनेट के लिए नहीं होते। मुख्यमंत्री सीधे इसकी घोषणा कर सकते हैं। सचिवालय कर्मचारियों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्हें पता है कि महंगाई भत्ता बकाया है, लेकिन वह वित्तीय संसाधनों का इंतजार कर रहे हैं।