सावधान! हिमाचल में भूस्खलन से 36 सड़कें बंद, इस दिन तक भारी बारिश का अलर्ट</h1>

हिमाचल प्रदेश में 9 जुलाई तक मौसम खराब बने रहने के आसार हैं। प्रदेश में 1 से 3 जुलाई के बीच सामान्य से 21 फीसदी अधिक बादल बरसे। बरसात के चलते चंडीगढ़...

सावधान! हिमाचल में भूस्खलन से 36 सड़कें बंद, इस दिन तक भारी बारिश का अलर्ट</h1>

सावधान! हिमाचल में भूस्खलन से 36 सड़कें बंद, इस दिन तक भारी बारिश का अलर्ट</h1>

हिमाचल प्रदेश में 9 जुलाई तक मौसम खराब बने रहने के आसार हैं। प्रदेश में 1 से 3 जुलाई के बीच सामान्य से 21 फीसदी अधिक बादल बरसे।
बरसात के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर एक बार फिर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। पंडोह डैम के पास डंगा धंसने से यहां एनएच करीब एक फुट तक धंस गया है। इससे अब एक लेन पर ही वाहनों की आवाजाही हो रही है। वर्ष 2023 में भी बरसात के दौरान पंडोह डैम के पास कैंची मोड़ वाला पूरा हिस्सा बह गया था। इसे बनाने के लिए यहां करीब 40 करोड़ रुपये खर्च कर डंगा बनाया गया है।
चार मील में भी एनएच पर लगाया गया डंगा धंस गया है। इससे कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। हाईवे पर जगह-जगह दरारें पड़ना शुरू हो गई हैं। कैंची मोड़ के पास भी एक लेन पर जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। मंडी और पंडोह के बीच नौ मील में पहाड़ी से भूस्खलन भी हो रहा है। इस कारण बुधवार दोपहर को करीब पौना घंटा यातायात ठप रहा। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में वीरवार को भी बारिश के आसार हैं। 5 से 7 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। 9 जुलाई तक प्रदेश में मौसम खराब बने रहने के आसार हैं।
मंगलवार रात को मंडी के कटौला में सबसे ज्यादा 154.4 और पंडोह में 106, धर्मशाला में 48, मशोबरा में 45, मंडी में 34, कुफरी-सुंदरनगर में 30, नाहन में 18, पालमपुर में 22, कांगड़ा में 18, नारकंडा में 13, बरठीं में 11, पांवटा साहिब में 26, देहरा गोपीपुर में 12 और शिमला में 8 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। पिछले 48 घंटों में मंडी में सामान्य से 562 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई। सराजघाटी के अनाहा गांव में नाले में बाढ़ आ गई। पानी के साथ आए मलबे में दो बाइकें और एक कार दब गई। जिन्हें ग्रामीणों ने मुश्किल से निकाला।

 


मंडी से पराशर जाने के लिए बाग्गी में भारी बारिश से सड़क मार्ग बिल्कुल खत्म हो चुका है। बुधवार को चंबा और मंडी जिला के कई क्षेत्रों में बिजली संकट गहरा गया। बारिश के चलते जिला चंबा में 129 और मंडी में 64 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं। इसके अलावा प्रदेश में 17 सड़कों पर भी वाहनों की आवाजाही ठप रही। उधर, बुधवार को राजधानी शिमला और धर्मशाला में बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम मिलाजुला बना रहा। मैदानी जिलों में धूप से उमस बढ़ गई है।

तीन दिन में सामान्य से 21 फीसदी अधिक बरसे बादल
प्रदेश में 1 से 3 जुलाई के बीच सामान्य से 21 फीसदी अधिक बादल बरसे। इस दौरान 18.1 मिलीमीटर बारिश हुई। इस अवधि में 15 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, सोलन, कुल्लू, सिरमौर और ऊना में बारिश सामान्य से कम हुई।

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