चुराह के दम्पति को विज्ञान और समाज में उत्कृष्ट शोध के लिए मिला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

चुराह क्षेत्र से संबंध रखने वाले डॉ. सुभाष कुमार और डॉ. नमो दुबे को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा शोधकर्ता पुरस्कार से नवाजा जिला चम्बा के च...

चुराह के दम्पति को विज्ञान और समाज में उत्कृष्ट शोध के लिए मिला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

चुराह के दम्पति को विज्ञान और समाज में उत्कृष्ट शोध के लिए मिला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

चुराह क्षेत्र से संबंध रखने वाले डॉ. सुभाष कुमार और डॉ. नमो दुबे को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा शोधकर्ता पुरस्कार से नवाजा

जिला चम्बा के चुराह क्षेत्र के दम्पति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार उन्हें विज्ञान और समाज के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध के लिए मिला है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-नई दिल्ली (आईसीएआर) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सीआईटीएएएस-2024 का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर  कई शोधकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान चुराह क्षेत्र से संबंध रखने वाले डॉ. सुभाष कुमार (एमफिल, पीएचडी) और डॉ. नमो दुबे (पीएचडी) को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा शोधकर्ता पुरस्कार से नवाजा गया। 

डॉ. सुभाष कुमार को सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस के अवार्ड से किया गया सम्मानित

डॉ. सुभाष कुमार को सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस के अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने विज्ञान और समाज के लिए अपने उत्कृष्ट शोध क्षेत्र में बेहतरीन योगदान दिया है। उन्होंने इस क्षेत्र में अब तक 18 से अधिक रिसर्च आर्टिकल प्रस्तुत किए हैं। यह आर्टिकल इंटरनैशनल साइंटिफिक जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। वर्तमान में डॉ. सुभाष कुमार खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में कार्य कर रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी डॉ. दुबे जैव प्रौद्योगिकी विभाग, युंगनाम विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया में पोस्ट डॉक्टरल रिसर्चर के रूप में कार्यरत हैं। यहां वह अपने शोध कार्यों में भी कार्य करते हैं। 

डॉ. सुभाष कुमार चम्बा जिले के चुराह के लग्घा गांव के निवासी

डॉ. सुभाष कुमार पुत्र ब्रिज लाल हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के चुराह के लग्घा गांव के निवासी हैं। उन्होंने अपनी दसवीं तक की शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला झज्जाकोठी से प्राप्त की। वहीं उनकी पत्नी डॉ. नमो दुबे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोटा, राजस्थान से प्राप्त की। दोनों ने अपनी पीएचडी की पढ़ाई सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर में पूरी की। इसके साथ ही डॉ. कुमार को आईसीएमआर- जेआरएफ नई दिल्ली और डॉ. दुबे को सीएसआईआर यूजीसी-जेआरएफ नई दिल्ली से पीएचडी के रिसर्च के लिए फैलोशिप मिल चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने  सीएसआईआर नैट, एएसआरबी-नैट, गेट लाइफ साइंसेज-नई दिल्ली की राष्ट्रीय परीक्षा उत्तीर्ण की हुई है। वर्तमान में कोरियाई विज्ञान और प्रौद्योगिकी की तरफ से सेल कल्चर तकनीक और औद्योगीकरण की तरफ से फैलोशिप प्राप्त हो रही है।

डॉ. सुभाष कुमार ने कहा कि सीआईटीएएएस-2024, आईसीएआर नई दिल्ली से प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करके बहुत खुश हूं। उन्होंने ने बताया कि इस क्षेत्र के कार्य करने के लिए उन्हें अपने परिवार का काफी प्रोत्साहन मिला। इसके साथ ही उन्हें पीएचडी पर्यवेक्षक डॉ. धर्म सिंह , प्रधान वैज्ञानिक सीएसआईआर-आईएचबीटी व उनके वर्तमान पर्यवेक्षक डॉ. एमएच किम, प्रोफैसर, दक्षिण कोरिया का बहुत प्रोत्साहन मिला जिसके लिए उन्होंने उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आगे भी वह राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समाज व विज्ञान के क्षेत्र में अपने शोध जारी रखेंगे।

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