एक तरफ मंगलवार को भी राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों का भुगतान नहीं हुआ है, वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे में बड़ा ऐलान किया...
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू:आर्थिक सेहत में सुधार को चाहिए कर्मचारी-अधिकारियों का सहयोग
एक तरफ मंगलवार को भी राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों का भुगतान नहीं हुआ है, वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे में बड़ा ऐलान किया है। विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सैलरी की वर्तमान स्थिति पर वह विधानसभा के भीतर स्टेटमेंट देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक सेहत में सुधार कर्मचारियों और अधिकारियों के सहयोग से ही होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी हमारे भाई हैं। उनकी सैलरी रोकने की कोई मंशा नहीं है, लेकिन वित्तीय अनुशासन के लिए कुछ सुधार किए जा रहे हैं। उसके कारण यह देरी हुई। बोर्ड और निगमों में सैलरी मिल गई है। राज्य सरकार के सिस्टम को ठीक कर रहे हैं, इसमें थोड़ा वक्त लगेगा। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने फिर कहा कि हिमाचल में आर्थिक संकट नहीं है, लेकिन वित्तीय अनुशासन के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल में वित्तीय कुप्रबंधन किया, जिसके कारण यह गड़बड़ हुई। बिना सोचे-समझे संस्थान खोले गए और सबसिडी भी रेवडिय़ों की तरह बनती गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बिजली बिल सबसिडी को लेकर फैसला लिया है। अब इसमें एकरूपता लाई जाएगी। पानी के बिल भी प्रति परिवार 100 रुपए की दर से तय कर दिए हैं। जिनकी सालाना इनकम कम है, उनको सबसिडी मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डीजल पर वेट बढ़ाने के बारे में भी सोच रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में शराब से होने वाली कमाई को 485 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है। पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल में 665 करोड़ कमाए, जबकि हमने एक साल में ही 485 करोड़ अतिरिक्त जुटाए हैं। गौरतलब है कि राज्य की आर्थिक स्थिति पर कांग्रेस के तीन विधायकों की ओर से नियम 130 के तहत विधानसभा में प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसके जवाब में भी मुख्यमंत्री वित्तीय स्थिति पर स्टेटमेंट दे सकते हैं।