पांगी में पेयजल पाइप लाइनें जाम हो गईं तो तीन किमी तक प्लास्टिक के पाइप डाल कर लिया पीने के पानी का जुगाड़

चंबा में पांगी के मूर्छ गांव में स्वंय पानी की पाईप को बिछाने में जुटे ग्रामीण जनजातीय क्षेत्र पांगी में कड़ाके की ठंड पड़ने से पेयजल पाइप जाम हो ग...

पांगी में पेयजल पाइप लाइनें जाम हो गईं तो तीन किमी तक प्लास्टिक के पाइप डाल कर लिया पीने के पानी का जुगाड़

पांगी में पेयजल पाइप लाइनें जाम हो गईं तो तीन किमी तक प्लास्टिक के पाइप डाल कर लिया पीने के पानी का जुगाड़

चंबा में पांगी के मूर्छ गांव में स्वंय पानी की पाईप को बिछाने में जुटे ग्रामीण

जनजातीय क्षेत्र पांगी में कड़ाके की ठंड पड़ने से पेयजल पाइप जाम हो गए तो ग्रामीणों ने तीन किलोमीटर लंबा प्लास्टिक का पाइप बिछाकर खुद के लिए पानी का जुगाड़ करने का बीड़ा उठाया है। जिले का सबसे दुर्गम गांव मुर्छ पांगी घाटी की सेचू पंचायत में पड़ता है। इस गांव में एक सप्ताह से पेयजल आपूर्ति ठप है। ग्रामीणों को पीने के पानी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है। कड़ाके की ठंड के कारण पेयजल लाइनें जाम हो चुकी हैं। ऐसे में ग्रामीण स्वयं पानी के स्रोत से गांव तक तीन किलोमीटर लंबा प्लास्टिक का पाइप बिछा रहे हैं, जिससे गांव में पानी की आपूर्ति हो सके। जल शक्ति विभाग के पेयजल पाइप इसलिए भी पानी की आपूर्ति के लिए बहाल नहीं किए जा रहे हैं, क्योंकि ये पाइप जमीन के नीचे दबे हैं।

पांगी के मुर्छ गांव में सर्दियों के दौरान पानी की  किल्लत हमेशा से ही है 

ग्रामीणों में संजय कुमार, भीमसेन, नरेश कुमार, पवन कुमार, देव राज, अमर देई, सुदेश और अमर सिंह ने बताया कि मुर्छ गांव में सर्दियों के दौरान पानी की किल्लत रहती है। इसलिए लोगों ने विभाग से पहले ही मांग की थी कि गांव के लिए अलग ओपन पेयजल लाइन बिछाई जाए, जिससे ठंड से पाइप जाम भी होता है तो ग्रामीण उसे बहाल कर सकते हैं। विभाग ने इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाए। इसके चलते ग्रामीणों ने खुद ही तीन किलोमीटर तक पानी के पाइप बिछाने का फैसला लिया। ग्रामीण पेयजल स्रोत से लेकर गांव तक पाइप बिछाने में जुटे हैं।
उधर, जल शक्ति विभाग के सहायक अभियंता रंजीत राणा ने बताया कि पेयजल आपूर्ति बहाल करवाने के लिए छह कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। इन कर्मचारियों से कार्य की प्रगति को लेकर रिपोर्ट मांगी जाएगी।