बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार व प्रबंधन को दिया मात्र तीन दिन का अल्टीमेटम

हिमाचल राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार व बिजली बोर्ड प्रबंधन को मात्र तीन दिन का अल्टीमेटम जारी कर दिया है। इस अवधि के दौरान विद्युत कर्...

बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार व प्रबंधन को दिया मात्र तीन दिन का अल्टीमेटम

बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार व प्रबंधन को दिया मात्र तीन दिन का अल्टीमेटम

हिमाचल राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार व बिजली बोर्ड प्रबंधन को मात्र तीन दिन का अल्टीमेटम जारी कर दिया है। इस अवधि के दौरान विद्युत कर्मियों की मांगें पूरी न होने पर राज्य की बिजली बंद करने का ऐलान किया है। विद्युत तकनीकी संघ के प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मण कापटा ने धर्मशाला में मांगें न मानने पर बिजली बंद करने की बात कही है। जिला कांगड़ा के जिला मुख्यालय धर्मशाला में शुक्रवार को राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ जिला कांगड़ा द्वारा मुख्य अभियंता परिचालक वृत कांगड़ा स्थित धर्मशाला के कार्यालय के प्रांगण में एक गेट मीटिंग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशेष रूप से राज्य बिजली बोर्ड के तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कापटा उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त जिला के समस्त पदाधिकारी, भारी संख्या में तकनीकी कर्मचारी और पेंशनर भी उपस्थित रहे। मौके पर मौजूद फील्ड व तकनीकी कर्मचारियों ने सरकार और प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर अपना रोष व्यक्त किया। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कापटा ने कहा कि सरकार और बिजली बोर्ड प्रबंधन की संवेदनहीनता की वजह से आज बिजली बोर्ड बदहाली के आंसू रो रहा है।

बिजली बोर्ड कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पुरानी पेंशन बहाल की जाये 

प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कापटा ने सरकार और बोर्ड प्रबंधन से मांग की है कि कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और भत्ते तत्काल प्रभाव से जारी किए जाएँ और भविष्य की ऐसी रूपरेखा बनाई जाए कि कभी भी कर्मचारी और पेंशनरों को वेतन और पेंशन के लिए सडक़ों पर न आना पड़े। उन्होंने इस बात पर भी रोष व्यक्त किया कि बोर्ड के कर्मचारी प्रदेश सरकार और बोर्ड प्रबंधन से पुरानी पेंशन बहाली की आस लगाए बैठे थे, परंतु आज वेतन और पेंशन के लाले पड़ गए हैं। अध्यक्ष ने कहा कि जब सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, तो क्यों 125 यूनिट मुफ्त बिजली को जारी रखा है। तकनीकी कर्मचारियों ने एकमत में 125 यूनिट मुफ्त बिजली को बंद करने की सरकार से मांग की। इस अवसर पर विद्युत मंडल नूरपुर के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता ई. विकास ठाकुर व पेंशनर यूनियन की ओर से देशराज ने कर्मचारियों को संबोधित किया।

 बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट के संघर्ष में कूदे बिजली बोर्ड के 300 पेंशनर्ज

शिमला। बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट के संघर्ष में पेंशनरों का दूसरा दिन विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन और इंजीनियर एसोसिएशन के राज्यव्यापी संघर्ष में शुक्रवार को दूसरे दिन भी पेंशनर्ज ने बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस में लगभग 300 से अधिक पेंशनर्ज उपस्थित रहे। पूर्व कर्मचारी नेता वाईपी सूद ने पेंशनर फोरम का नेतृत्व किया और सभा को संबोधित किया।

शिमला में खाली थाली-चम्मच लेकर किया प्रदर्शन, वेतन-पेंशन न मिलने से निराश बिजली कर्मी, स्थायी एमडी पर अड़े

वेतन और पेंशन का भुगतान फंसने के बाद आंदोलन में कूदे बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने अब सरकार को स्थायी प्रबंध निदेशक के मामले पर घेरना शुरू कर दिया है। बोर्ड कर्मचारियों ने मौजूदा कार्यवाहक प्रबंध निदेशक को इन हालातों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बिजली बोर्ड कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने साफ कर दिया है कि जब तक प्रबंधन में बदलाव नहीं होगा, वे आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। शुक्रवार को प्रदेश भर के बिजली बोर्ड कार्यालयों के बाहर कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी रहा। बिजली बोर्ड में कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को मिलाकर करीब 190 करोड़ रुपए का भुगतान होना है। बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने शुक्रवार को बोर्ड मुख्यालय में खाली थाली और चम्मच लेकर प्रदर्शन किया। महिलाएं थाली बजाते हुए वेतन बहाली, ओल्ड पेंशन और स्थायी एमडी की तैनाती की मांग करती नजर आईं। बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने का फैसला किया। इस एवज में बिजली बोर्ड को राज्य सरकार से सबसिडी मिल रही है।

प्रदेश सरकार मांगों का निवारण समय रहते नहीं करेगी तो संयुक्त मोर्चा राज्यव्यापी आंदोलन करेगा 

सबसिडी के भुगतान में देरी की वजह का खामियाजा बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुफ्त बिजली के एवज में होने वाला भुगतान समय पर नहीं मिल पा रहा है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है। बिजली बोर्ड में सीसीएस पेंशन नियम 1972 राज्य सरकार की तर्ज पर लागू किए गए हैं और इन नियमों में प्रदेश सरकार के सभी संशोधन बोर्ड में लागू किए गए हैं। ऐसे में बिजली बोर्ड में भी संशोधन को लागू करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार मांगों का निवारण समय रहते नहीं करेगी तो संयुक्त मोर्चा राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ देगा। वहीं कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड में स्थायी एमडी की तैनाती करने की बात उच्चाधिकारियों से कही है। बोर्ड के कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार वैकल्पिक हल ढूंढ रही है, जबकि कर्मचारी इस समस्या का स्थायी निवारण चाहते हैं।

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