अगर आप भी बनना चाहते हैं आईपीएस अधिकारी, तो फॉलो करें ये स्टेपस

भारत के अधिकतम युवाओं का आईपीएस अधिकारी बनने का सपना  भारत में बहुत सारे लोगों का सपना सरकारी मुलाजिम बनने के साथ-साथ एक बड़ा अफसर बनना होता ह...

अगर आप भी बनना चाहते हैं आईपीएस अधिकारी, तो फॉलो करें ये स्टेपस

अगर आप भी बनना चाहते हैं आईपीएस अधिकारी, तो फॉलो करें ये स्टेपस

भारत के अधिकतम युवाओं का आईपीएस अधिकारी बनने का सपना 

भारत में बहुत सारे लोगों का सपना सरकारी मुलाजिम बनने के साथ-साथ एक बड़ा अफसर बनना होता है । अगर आप भी बड़ा अफसर बनना चाहते हैं, तो फिर आप आईपीएस की राह चुन सकते हैं। आईपीएस अधिकारी बनना इतना भी आसान नहीं है जितना कि हम समझते है, क्योंकि आईपीएस एक बहुत ही बड़ी पोस्ट है और इसके एग्जाम को पास करना भी उतना ही ज्यादा मुश्किल है, लेकिन अगर कोई भी उम्मीदवार जी जान से मेहनत करता है, तो फिर वह जरूर इस एग्जाम को बड़ी ही आसानी के साथ पास कर पाएगा। अगर आप भी उन्हीं उम्मीदवारों में से एक हैं तो आप आईपीएस अधिकारी बन सकते हैं

आईपीएस अफसर बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा को पास करना होता है

आईपीएस या भारतीय पुलिस सेवा भारत में सबसे प्रतिष्ठित और मांग वाली सिविल सेवा पदों में से एक है। आईपीएस भारत में कानून और व्यवस्था बनाए रखने, अपराधों को रोकने और पता लगाने और देश में सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। आईपीएस अधिकारी बनने के लिए सबसे पहले संघ लोक सेवा आयोग यानि यूपीएससी द्वारा आयोजित आईपीएस परीक्षा को पास करना होता है। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा, साक्षात्कार और एक चिकित्सा परीक्षा शामिल है। एक बार चुने जाने के बाद, अधिकारी मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी और हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें अपने कत्र्तव्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करता है। 

आईपीएस अधिकारी देश में कानून और व्यवस्था बनाने, अपराधों को रोकने, सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार एक पुलिस अधिकारी होता है 

आईपीएस अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा का एक सदस्य होता है जो देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने, अपराधों को रोकने और उनका पता लगाने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है। आईपीएस अधिकारी पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर रहते हैं, जिनमें पुलिस अधीक्षक, उप महानिरीक्षक, महानिरीक्षक और पुलिस महानिदेशक शामिल हैं।  आईपीएस अधिकारी जटिल अपराधों की जांच और दंगों, विरोध प्रदर्शनों और अन्य कानून व्यवस्था स्थितियों के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। कानून को बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक आईपीएस अधिकारी की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। 

आईपीएस बनने के लिए एक सुविचारित योजना, कड़ी मेहनत, और  बड़ी मात्रा में समर्पण की जरुरत होती है

आईपीएस अधिकारी पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, केंद्रीय जांच ब्यूरो, और राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में अन्य समान बलों को कमांड करने के लिए भी जिम्मेदार होता है। आईपीएस अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार को संघ लोक सेवा परीक्षा द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। यूपीएससी परीक्षा पास करना आसान नहीं है। इसके लिए उचित योजना और एक सुविचारित योजना की आवश्यकता होती है। एक आईपीएस अधिकारी बनने के लिए बहुत मेहनत और बड़ी मात्रा में समर्पण की आवश्यकता होती है। इस पद के लिए केवल सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।

तैयारी जिसमें व्यापक ज्ञान, महत्त्वपूर्ण सोच और विश्लेषणात्मक कौशल सबसे महत्त्वपूर्ण

आईपीएस अधिकारी बनने के लिए तैयारी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है, जिसमें व्यापक ज्ञान, महत्त्वपूर्ण सोच और विश्लेषणात्मक कौशल की आवश्यकता होती है। तैयारी प्रक्रिया में विभिन्न विषयों का अध्ययन, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करना, मॉक टेस्ट देना और शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण लेना शामिल है। उचित तैयारी के बिना, परीक्षा के विभिन्न चरणों को उत्तीर्ण करना और आईपीएस अधिकारी बनना कठिन है। परीक्षा की तैयारी में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

परीक्षा पैटर्न को समझना
 
परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यूपीएससी परीक्षा पैटर्न को अच्छी तरह से समझ लेना जरूरी है। उम्मीदवारों को पाठ्यक्रम, पेपर की संख्या और प्रत्येक पेपर की अवधि पता होनी चाहिए।

पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन करना 

परीक्षा पैटर्न जानने के बाद, आपको यूपीएससी पाठ्यक्रम का अध्ययन करना शुरू कर देना चाहिए। पाठ्यक्रम विशाल है और इसमें इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र और करंट अफेयर्स जैसे विषय शामिल हैं। आपको एक अध्ययन योजना तैयार करनी चाहिए और प्रत्येक विषय के लिए समय आवंटित करना चाहिए।

विभिन्न प्रकार की किताबें पढ़ना 

आईपीएस अधिकारी बनने की तैयारी में किताबें अहम भूमिका निभाती हैं। अच्छी किताबें लेखन और संचार कौशल में भी सुधार कर सकती हैं, जो परीक्षा के लिए आवश्यक हैं। आईपीएस की तैयारी के लिए सुझाई गई कुछ किताबों में एम. लक्ष्मीकांत की ‘इंडियन पोलिटी’, रमेश सिंह की इंडियन इकोनॉमी, बिपन चंद्रा की इंडियाज स्ट्रगल फॉर इंडिपेंडेंस और विभिन्न विषयों की एनसीईआरटी बुक्स शामिल हैं। इनके अलावा, बाजार में कई अन्य पुस्तकें उपलब्ध हैं जो आईपीएस परीक्षा के विभिन्न पहलुओं को पूरा करती हैं।

समाचार पत्र और पत्रिकाएं नियमित पढ़ना 

समाचार पत्र और पत्रिकाएँ पढऩा नवीनतम घटनाओं और समसामयिक मामलों से अपडेट रहने का एक शानदार तरीका है। यह आपको सामान्य अध्ययन के पेपर और साक्षात्कार के लिए तैयार करने में मदद करेगा।

लिखने का लगातार अभ्यास करना 

मुख्य परीक्षा के लिए लेखन अभ्यास आवश्यक है। उम्मीदवारों को नियमित रूप से निबंध, सार और बोधगम्य गद्यांश लिखने का अभ्यास करना चाहिए।

मॉक टेस्ट जरूर लें

मॉक टेस्ट लेना आपकी तैयारी का मूल्यांकन करने का एक शानदार तरीका है। इससे उम्मीदवारों को अपनी कमजोरियों और ताकत की पहचान करने और परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के प्रकार का अंदाजा लगाने में मदद मिलेगी।

शारीरिक फिटनेस के लिए जॉगिंग, व्यायाम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेना 

आईपीएस अधिकारियों के लिए शारीरिक फिटनेस एक अनिवार्य आवश्यकता है। उम्मीदवारों को व्यायाम, दौडऩा, जॉगिंग करना शुरू कर देना चाहिए और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए। आईपीएस अधिकारियों के लिए शारीरिक फिटनेस एक अनिवार्य आवश्यकता है। उम्मीदवारों का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। जनरल कैंडीडेट के लिए, पुरुषों की हाइट कम से कम 165 सेमी (5 फुट 5 इंच) और एससी/ ओबीसी कैंडीडेट के लिए, पुरुषों की लंबाई कम से कम 160 सेमी (5 फुट 4 इंच) होनी चाहिए। जनरल कैंडीडेट के लिए, स्त्रियों की हाइट कम से कम 150 सेमी (4 फुट 12 इंच) और एससी/ ओबीसी कैंडीडेट के लिए, स्त्रियों की हाइट 145 सेमी (4 फुट 9 इंच) होनी चाहिए। पुरुष उम्मीदवारों की छाती कम से कम 84 सेमी होनी चाहिए और महिला उम्मीदवार के लिए छाती 79 सेमी होनी चाहिए।

नेत्र दृष्टि

स्वस्थ आंखों का विजन 6/6 या 6/9 होना चाहिए और कमजोर आंखों का विजन 6/12 या 6/9 होना चाहिए। द्विनेत्री दृष्टि आवश्यक है। आंखो पर दूर के नंबर -4.00 डी से ज्यादा नहीं होने चाहिए और नजदीक के नंबर +4.00डी से ज्यादा नहीं होने चाहिए।

आयु सीमा न्यूनतम और अधिकतम 

आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए न्यूनतम आयुसीमा 21 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है।


अभ्यर्थी को आईपीएस अफसर बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्टेप फॉलो करने चाहिए जिनका एक-एक कर विवरण नीचे दिया गया है: 

पहला स्टेप

पढ़ाई पूरी करे

आईपीएस आफिसर बनने का सबसे पहला पड़ाव है अच्छे अंकों से 12वीं कक्षा पास करना है। आप जिस भी विषय में इंटरेस्ट रखते हैं, उस विषय से 12वीं कर सकते हैं। 12वीं पूरी करने के बाद आपको किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा करना होगा, क्योंकि बिना ग्रेजुएशन के आप यूपीएससी की सिविल सर्विस एग्जाम के लिए आवेदन नहीं कर सकते है, इसलिए अगर आपने अब तक अपना ग्रेजुएशन पूरा नहीं किया है, तो सबसे पहले किसी भी स्ट्रीम जैसे आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स या मैथ्स जिसमें भी आपकी रूचि है उससे अपना ग्रेजुएशन कम्पलीट करें।

दूसरा स्टेप

यूपीएससी की परीक्षा के लिए आवेदन करें

अब यूपीएससी की ऑफिसियल वेबसाइट https://upsc.gov.in/ से आईपीएस परीक्षा के लिए ऑनलाइन वेबसाइट आवेदन करें। बता दें कि आईपीएस की परीक्षा यूपीएससी द्वारा आयोजित होती है। यूपीएससी द्वारा निर्धारित आईपीएस एग्जाम पैटर्न के आधार पर यह परीक्षा और पूरी चयन प्रक्रिया को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। प्रारंभिक परीक्षा यानि प्रीलिमिनरी एग्जाज, मुख्य परीक्षा यानि मेंस एग्जाम, साक्षात्कार यानि इंटरव्यू, जो उम्मीदवार इन तीनों चरणों को पूरा कर लेता है उसे आईपीएस ऑफिसर के पद पर नियुक्त कर दिया जाता है।

तीसरा स्टेप

प्रीलिमिनरी या क्वालिफाइंग एग्जाम पास करें

प्रारंभिक परीक्षा आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए पहला चरण होता है तथा जिसे क्वालिफाइंग पेपर भी कहते है। यह जून से लेकर अगस्त माह के बीच में आयोजित की जाती है। इसमे सारे प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होते है यानी हर प्रश्न के उत्तर के लिए चार विकल्प दिए होते है। इसमें दो पेपर होते है जो कि 200-200 अंक के होते है। इसलिए यह कुल 400 अंकों की परीक्षा है। इसमें नेगेटिव मार्किंग भी होती है। इसके प्रश्न-पत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में होते है। यह परीक्षा क्लियर करने के बाद ही आप आईपीएस कि मुख्य परीक्षा में बैठ सकते है।

चौथा स्टेप

अब मुख्य परीक्षा जिसमें डिस्क्रिप्टिव/निबंध पेपर और ऑप्शनल पेपर क्लियर करें

मेंस एग्जाम में कुल नौ पेपर होते है, जो कि वर्णनात्मक (डिस्क्रिप्टिव ) टाइप के होते है। इसमें सात पेपर मेरिट के होते है और दो भाषा के होते है। इसमें दो तरह के प्रश्न होते है डिस्क्रिप्टिव/निबंध पेपर और ऑप्शनल पेपर। यह दोनों परीक्षा क्लियर करने के बाद ही उम्मीदवार को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।

पांचवां स्टेप

इंटरव्यू यानि ऑफिसर बनने के अंतिम चरण को क्लियर करें

यह आईपीएस ऑफिसर बनने का अंतिम चरण होता है। इसमें यूपीएससी के प्रतिष्ठित अधिकारियों द्वारा आमंत्रित कैंडीडेट्स का इंटरव्यू लिया जाता है। इस साक्षात्कार के 275 अंक होते है। यह लगभग आधे घंटे से 45 मिनट तक चलता हैं। इसमे कैंडीडेट का आत्मविश्वास, खुद को प्रस्तुत करने की क्षमता, विचार, व्यक्तित्व, रवैया आदि को परखा जाता है।

छठा स्टेप

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले कैंडिडेट्स को अब अंत में आईपीएस की ट्रेनिंग पूरी करनी होती है 

सिविल सेवा परीक्षा के सभी तीन चरणों, अर्थात प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को आईपीएस परिवीक्षाधीन के रूप में मान्यता दी जाती है और वे एक वर्ष के प्रशिक्षण के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी में जाते हैं। इस अवधि के दौरान, परिवीक्षार्थियों को प्रशासन पर व्यापक शिक्षा के साथ-साथ गहन शारीरिक प्रशिक्षण प्राप्त होता है। प्रशिक्षण पूरा होने पर, आईपीएस अधिकारियों को राज्य और केंद्र सरकार की जरूरतों के आधार पर नीति और जांच संगठनों में नियुक्त किया जाता है। यदि उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आईपीएस अधिकारी बन जाते हैं। फिर उम्मीदवारों को लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में अनिवार्य प्रशिक्षण पूरा करना होता है।

नौकरी की संभावनाएं राज्य या केंद्र स्तर तक 

एक आईपीएस अधिकारी का कार्य केवल राज्य या केंद्र स्तर तक ही सीमित नहीं होता है, बल्कि ये सिविल सेवाओं के समूह ए के तहत पूरे देश में कानून और व्यवस्था बनाने व उनका रखरखाव को सुनिश्चित करते है। एक आईपीएस अधिकारी राज्य स्तर पर, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) पद से अपनी सेवाएं शुरू कर सकते है और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) तक जा सकते है, जो कि पुलिस विभाग में राज्य स्तर पर सबसे प्रतिष्ठित पद होता है।

सैलरी या पारिश्रमिक

एक आईपीएस की सैलरी या आईपीएस अधिकारी का मूल वेतन प्रति माह 56,100 रुपए (टीए,डीए और एचआरए अतिरिक्त) से शुरू होता है और एक डीजीपी के लिए 2,25,000 रुपए तक पहुंच सकता है। एक आईपीएस ऑफिसर की सैलरी उसके पद के हिसाब से अलग-अलग होती है।