डलहौजी और आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत

  डलहौजी (चंबा)। डलहौजी और इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है। यह बात डलहौजी होटल एसोसिएशन के चेयरमैन, पूर्व भाज...

डलहौजी और आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत

डलहौजी और आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत

 

डलहौजी (चंबा)। डलहौजी और इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है।

यह बात डलहौजी होटल एसोसिएशन के चेयरमैन, पूर्व भाजपा सरकार में प्रदेश योजना बोर्ड के सदस्य मनोज चड्ढा ने अमर उजाला से विशेष साक्षात्कार के दौरान कही।
वे डलहौजी में ब्रिटिशकाल के दौरान 1874 में बने पहले होटल बुल्स हेड, जिसे अब होटल माउंट व्यू के नाम से जाना जाता है, उसके मालिक हैं। मनोज चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश को बुलंदियों पर पहुंचा दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि पठानकोट एयरपोर्ट को विकसित कर अगर लेह और श्रीनगर जाने वाली फ्लाइट का ठहराव यहा किया जाए तो डलहौजी के पर्यटन व्यवसाय को फायदा होगा। वहीं, दिल्ली से कटरा वंदे भारत ट्रेन का ठहराव भी पठानकोट में हो तो भी यहां के पर्यटन व्यवसाय को लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से भी डलहौजी में रोपवे बनाने की मांग उठाई । यह रोपवे डलहौजी के निचले क्षेत्रों बाथरी, देवीदेहरा, पंजपुला या अन्य क्षेत्रों से डलहौजी तक बनाया जाए, ताकि पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ मिल सके। डलहौजी में सर्दियों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विंटर कार्निवल होने चाहिए। यहां कई स्थान ऐसे हैं जहां पर्यटकों के लिए आइस स्केटिंग रिंक बन सकते हैं। प्रदेश सरकार को डलहौजी-धर्मशाला टूरिस्ट सेक्टर विकसित करना चाहिए। डलहौजी-चक्की सड़क को फोर लेन बना इसे पठानकोट-मंडी हाईवे से जोड़ना चाहिए। डलहौजी में ब्रिटिश काल के भवन और कई विख्यात चर्च हैं, जो विश्व के मानचित्र पर हैं। इन्हें शिमला की तर्ज पर विकसित करना चाहिए।