छात्राओं को अकेले स्कूल नहीं भेज रहे अभिभावक, आठवीं के बाद छूटी पढ़ाई

चुराह विधानसभा क्षेत्र की खजुआ और बिहाली पंचायत के लोग अकेले भेजने के डर से छात्राओं को घर से दूर स्कूल नहीं भेज रहे हैं। चुराह हलके के इन इलाकों की छ...

छात्राओं को अकेले स्कूल नहीं भेज रहे अभिभावक, आठवीं के बाद छूटी पढ़ाई

छात्राओं को अकेले स्कूल नहीं भेज रहे अभिभावक, आठवीं के बाद छूटी पढ़ाई

चुराह विधानसभा क्षेत्र की खजुआ और बिहाली पंचायत के लोग अकेले भेजने के डर से छात्राओं को घर से दूर स्कूल नहीं भेज रहे हैं। चुराह हलके के इन इलाकों की छात्राएं आठवीं के बाद पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं।
आठवीं के बाद पढ़ाई करने के लिए क्षेत्र की लड़कियों को आठ किलोमीटर दूर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गनेड़ जाना पड़ता है। ऐसे में छात्राओं को अकेले स्कूल भेजने से अभिभावक घबराते हैं। ऐसे में चाहकर भी लड़कियां आठवीं कक्षा से आगे पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं।
बिहाली और खजुआ पंचायत की आबादी तीन हजार है। यहां रहने वाले लोग लंबे समय से सरकार और शिक्षा विभाग से मांग कर रहे हैं कि बिहाली माध्यमिक पाठशाला का दर्जा बढ़ाकर वरिष्ठ माध्यमिक बनाया जाए। इससे इन पंचायतों के बच्चों को आठवीं के बाद पढ़ाई करने के लिए लंबा सफर नहीं तय करना पड़ेगा।
रावमापा गनेड़ तक पहुंचने के लिए आठ किलोमीटर के सफर में चार पांच किमी का सफर सड़क से जुड़ा है। बाकी का सफर छात्रों को पैदल ही तय करना पड़ता है। अभिभावक अकेले बच्चों को इतने दूर भेजने से डरते हैं। - रशीद मोहम्मद, प्रधान बिहाली पंचायत

सरकार को आकांक्षी जिले की इन दो दुर्गम पंचायतों में रहने वाले बच्चों के लिए नजदीक में उच्च पढ़ाई की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे बच्चों को आठवीं के बाद पढ़ाई करने के लिए लंबा सफर न करना पड़े। - नर सिंह, डिडवास

बिहाली माध्यमिक पाठशाला का दर्जा बढ़ाने के लिए स्थानीय लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांग को किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया है। इसको लेकर लोगों में काफी रोष है। - मस्कीन खान, थोल

समाज में लड़कियों को सम्मान देने के लिए बड़ी-बड़ी बातें तो की जा रही हैं, लेकिन धरातल स्तर पर लड़कियों को आज भी पढ़ाई करने के लिए लंबा सफर करना पड़ रहा है। इस वजह से लड़कियां पढ़ाई करे से वंचित रह रही हैं। - सन्नी बट्ट, चलोई