सलूणी व चुराह के किसानों काे मालामाल कर रहा मटर

सोमवार को चुराह के हिमगिरि में हरा मटर 118 रुपए किलो के हिसाब से बिका चुराह उपमंडल के ऊपरी हिस्सों में मटर की फसल तैयार हो गई है। शुरूआत में किसानो...

सलूणी व चुराह के किसानों काे मालामाल कर रहा मटर

सलूणी व चुराह के किसानों काे मालामाल कर रहा मटर

सोमवार को चुराह के हिमगिरि में हरा मटर 118 रुपए किलो के हिसाब से बिका

चुराह उपमंडल के ऊपरी हिस्सों में मटर की फसल तैयार हो गई है। शुरूआत में किसानों को हरे मटर के चौखे दाम मिल रहे हैं। सोमवार को चुराह के हिमगिरि में हरा मटर 118 रुपए किलो के हिसाब से बिका, जिससे किसानों के चेहरे पर रौनक आ गई। हालांकि अभी अधिकांश किसानों की मटर की फसल तैयार नहीं हुई है लेकिन जिन किसानों ने जल्दी ही मटर की बीजाई कर दी थी उनका हरा मटर तैयार हो गया है। जबकि क्षेत्र के अधिकांश हिस्से में मटर की फसल में फूल आया है। फसल तैयार होने में अभी कुछ दिन और लगेंगे लेकिन जिनकी फसल तैयार है उनके लिए सोने पर सुहागा वाली कहावत फिट बैठ रही है।

सलूणी के ऊपरी इलाकों में लगभग सभी किसान करते हैं मटर की खेती 

गौरतलब है कि जिले के चुराह व सलूणी के ऊपरी इलाकों में लगभग सभी किसान बेमौसमी मटर की खेती करते हैं और हर साल यहां मटर का करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। किसान अपनी जमीन के करीब 50 फीसदी हिस्से में मटर का उत्पादन करते हैं। पहाड़ों के इस सीजन के मटर की खासियत यह होती है कि यह खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। यहां के मटर की प्रदेश सहित देश के बाहरी राज्यों पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश व राजस्थान तक मांग होती है। भारी मांग के चलते किसानों का हरा मटर घर के नजदीक ही अच्छे दामों में बिक जाता है क्योंकि मटर की फसल तैयार होते ही जहां स्थानीय व्यापारी किसानों का मटर घर के नजदीक ही खरीदने पहुंच जाते हैं तो वहीं पंजाब व राजस्थान आदि राज्यों के मटर व्यापारी मटर का सीजन खत्म होने तक यहां डेरा जमाए रहते हैं।

किसान मक्की, गेहूं, सरसों, फ्रासबीन, आलू सहित अन्य फसलों का भी करते हैं  उत्पादन 

ऐसे में किसानों को अपना मटर बेचने के लिए सब्जी मंडी का रुख नहीं करना पड़ता। वैसे तो क्षेत्र के किसान मक्की, गेहूं, सरसों, फ्रासबीन, आलू सहित अन्य फसलों का उत्पादन करते हैं लेकिन लम्बे समय से मटर की फसल को सबसे अधिक तव्वजो दे रहे हैं। इससे उनकी आमदनी में अच्छी खासी बढ़ौतरी हो रही है और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है। ऐसे में किसानों की निगाह हर साल मटर की फसल पर अधिक रहती है। हरे मटर का अधिक उत्पादन हो इसके लिए किसान जीएस टैन, जी, टैन, अंकुर आदि मटर के उच्च किस्म के बीज बाजार से महंगे दामों में खरीदकर लाते हैं तो वहीं बीते कुछ वर्षों से कृषि विभाग भी किसानों को उच्च किस्म के बीज सरकारी उपदान पर बीज मुहैया करवा रहा है जिससे अच्छा उत्पादन होने से किसानों की आय में बढ़ौतरी हो रही है। बहरहाल शुरूआत में किसानों को हरे मटर के बेहतर दाम मिल रहे हैं, इससे उन किसानों को भी हरे मटर के चौखे दाम मिलने की उम्मीद जग चुकी है जिनकी फसल तैयार होने वाली है।

ताज़ा खबरें

अधिक देखी जाने वाली खबरें