सिंचाई की सुविधा न होने के कारण फसल की पैदावार होती है कम जिले में राजमाह की फसल बिकने के लिए तैयार हो गई है। इतना ही नहीं, लगभग तीन क्विंटल तक इसक...
चम्बा के भरमौर और होली में राजमाह की फसल तैयार, अब तक बिकी तीन क्विंटल
सिंचाई की सुविधा न होने के कारण फसल की पैदावार होती है कम
जिले में राजमाह की फसल बिकने के लिए तैयार हो गई है। इतना ही नहीं, लगभग तीन क्विंटल तक इसकी बिक्री भी हो गई है। जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर और होली में अधिक राजमाह की फसल होती है। लेकिन, किसानों की मानें तो कुछ स्थानों में सिंचाई की सुविधा न होने के कारण फसल की पैदावार कम होती है। जबकि, जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा होने से फसल राजमाह की बंपर पैदावार होती है, जिससे किसानों की अच्छी आमदनी होती है। क्योंकि, किसानों के लिए कमाई का यही एक साधन होता है।
किसानों को 300 रुपये प्रतिकिलो राजमाह के मिले दाम
गौरतलब है कि सितंबर और अक्तूबर में राजमाह की फसल पककर तैयार होती है। इसके बाद नंवबर बिकने के लिए किसान जिला मुख्यालय सहित बाहरी जिलों के लिए भेजते हैं। इस बार किसानों को 300 रुपये प्रतिकिलो राजमाह के दाम मिले हैं। किसानों की मानें तो फसल इस बार अच्छी है। लेकिन पानी की बेहद कमी चल रही है। बीते कई महीनों से बारिश होने से भी फसल पर असर पड़ रहा है। पिछले साल ही अपेक्षा से अधिक उन्हें दाम मिले है। पहले उन्हें 200 रुपये प्रतिकिलो दाम मिले, जबकि इस बार इससे 100 रुपये अधिक मिले हैं। विशेषकर बाहरी जिलों में ही किसान राजमाह की बिक्री करते हैं। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. कुलदीप धीमान का कहना है कि सिंचाई के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजें। लेकिन जहां प्राकृतिक स्रोत होगा, वहां ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।