वाह री व्यवस्था कागजों में ही लगे नल, हकीकत में सलूणी की बाड़का पंचायत में नहीं मिल रहा जल

केंद्र सरकार की हर घर जल पहुंचाने की योजना कागजों में तो पूरी हो गई है, लेकिन हकीकत में 90 फीसदी घरों में नल लगे ही नहीं  यह मामला उपमंडल सलूण...

वाह री व्यवस्था कागजों में ही लगे नल, हकीकत में सलूणी की बाड़का पंचायत में नहीं मिल रहा जल

वाह री व्यवस्था कागजों में ही लगे नल, हकीकत में सलूणी की बाड़का पंचायत में नहीं मिल रहा जल

केंद्र सरकार की हर घर जल पहुंचाने की योजना कागजों में तो पूरी हो गई है, लेकिन हकीकत में 90 फीसदी घरों में नल लगे ही नहीं 

यह मामला उपमंडल सलूणी की बाड़का पंचायत का है। प्रभावित लोगों की मानें तो उन्होंने नल लगाने के लिए बाकायदा 100 रुपये का भुगतान भी कर दिया है। बावजूद इसके नल अभी नहीं लगा है। स्थानीय लोगों ने योजना के तहत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाए हैं। लोगों ने सवाल उठाया कि उपमंडल सलूणी की बाड़का पंचायत के कई गांवों में जब नल ही नहीं लगे तो पानी की आपूर्ति कैसे होगी। 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। साल 2024 तक देश के सभी घरों को कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा था। 

हर घर नल जल योजना का काम कागजों में पूरा हो चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है

हिमाचल ने समय से पहले अपना लक्ष्य हासिल कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। जिले में हर घर नल जल योजना का काम कागजों में पूरा हो चुका है। पानी के पाइप बिछ चुके हैं, नल भी लगाए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बाड़का पंचायत के गांव भेड़ोई, सेरु, गडेन, बरोला में 90 प्रतिशत घरों में नल नहीं लगे हैं। गांव भेड़ोई, सेरु, बरोला के ग्रामीणों ने बताया नल लगाने के लिए लोक मित्र संचालकों की ओर से लोगों से 100 रुपये लिए गए थे। संबंधित ठेकेदार से पूछने पर  कि नल कब लगेंगे तो पाइप न आने का हवाला देकर बात टाल देते हैं। चमारू राम, भेड़ोई के अनुसार पेयजल कनेक्शन लगवाने के नाम पर करीब छह माह पूर्व लोक मित्र संचालकों की ओर से 100 रुपये और आधार नंबर लिया गया है, लेकिन आज तक न पेयजल लाइन बिछी और न ही नल लग पाया है।