पेयजल सप्लाई घोटाले पर बड़ा एक्शन

दो एक्सईएन, तीन एसडीओ सहित 10 अधिकारी सस्पेंड शिमला जिला के ठियोग में टैंकरों से पेयजल सप्लाई में घोटाला साबित होने के बाद जलशक्ति विभाग में उप मुख...

पेयजल सप्लाई घोटाले पर बड़ा एक्शन

पेयजल सप्लाई घोटाले पर बड़ा एक्शन

दो एक्सईएन, तीन एसडीओ सहित 10 अधिकारी सस्पेंड

शिमला जिला के ठियोग में टैंकरों से पेयजल सप्लाई में घोटाला साबित होने के बाद जलशक्ति विभाग में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को विभाग ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अहम पद संभाल रहे दस अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। मामले की जांच पूरी होने के बाद यह फैसला लिया गया है। इस मामले में विभाग की अधीक्षण अभियंता द्वारा की गई जांच में जिनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है, उनमें जलशक्ति विभाग मतयाना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार, कुसुम्पटी डिवीजन के एक्सईन बसंत सिंह, सहायक अभियंता मतयाना परणीत ठाकुर, सहायक अभियंता कोटी राकेश कुमार, कोटगढ़ में तैनात सहायक अभियंता विवेक कुमार शामिल हैं, इनके पास घटनाक्रम के समय ठियोग का अतिरिक्त कार्यभार था। इसके अलावा पांच कनिष्ठ अभियंता, जिनमें ठियोग में मस्त राम ब्राक्टा, लुफूघाटी के सुरेश कुमार, मतयाना के कनिष्ठ अभियंता नीम चंद, सुनील कुमार कनिष्ठ अभियंता धरेच का नाम शामिल है, जबकि एक कनिष्ठ अभियंता सुदर्शन का नाम भी शामिल हैं, जो बाद में सेवानिवृत्त हो गए थे। इन सभी को सस्पेंड कर हेड क्वार्टर शिमला फिक्स किया गया है।

जलशक्ति विभाग में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की कार्रवाई, आरोपी ठेकेदार को किया ब्लैकलिस्ट

इसके अलावा जिस ठेकेदार के पास पानी की सप्लाई का जिम्मा था, उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। गौरतलब है कि आरटीआई में खुलासा हुआ था कि टैंकरों के नाम पर जिन नंबरों के वाहनों से पानी की आपूर्ति की गई, उनमें मोटरसाइकिल, कार और एक अधिकारी की गाड़ी का नंबर भी शामिल था। इसके अलावा एक पिकअप का नंबर भी टैंकर के रूप में दर्ज किया गया। इस पिकअप से एक दिन में 819 किलोमीटर पानी की सप्लाई की गई। दूसरे दिन उसी टैंकर से 614 किलोमीटर पानी की सप्लाई दी गई। पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस जानकारी को मीडिया के सामने सार्वजनिक कर दिया था। इसके बाद विभाग ने मामले की जांच शुरू की। जलशक्ति विभाग शिमला सर्कल नौ के अधीक्षण अभियंता को जांच का जिम्मा सौंपा गया और तीन जनवरी तक रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए। शुक्रवार को मामले की जांच पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट विभाग को सौंपी गई और शाम होने तक इस रिपोर्ट के आधार पर फैसला भी कर लिया गया है। एक्सईन और एसडीओ स्तर के अधिकारियों को निलंबित करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है, जबकि कनिष्ठ अभियंताओं पर फैसला प्रमुख अभियंता के स्तर पर लिया गया है। सभी निलंबित अधिकारियों और कर्मचारियों को ईएनसी मुख्यालय शिमला में तैनाती के आदेश दिए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि कार्रवाई की रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंप दी जाएगी।

जलशक्ति विभाग ने विजिलेंस को सौंपा मामला

टैंक से पेयजल सप्लाई के नाम पर हुए इस घोटाले की जांच अब विजिलेंस भी करेगी। जलशक्ति विभाग ने एडीजीपी विजिलेंस को भी इस संबंध में पत्र सौंपा है। जलशक्ति विभाग की ओर से सौंपे गए इस पत्र में पूर्व विधायक राकेश सिंघा की शिकायत का हवाला दिया गया है। पेयजल सप्लाई के एवज में एक करोड़ 13 लाख रुपए के बिल बनाए गए हैं। इस पूरे मामले में ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों पर शिकंजा कसने वाला है।

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