दो बच्चों के साथ मादा भालू देख चीखने लगे स्कूल जा रहे बच्चे

प्राथमिक पाठशाला थलोल और ककला  जा रहे बच्चे खेतों में मक्की खा रहे भालुओं को देखकर घबरा गए स्कूल जा रहे विद्यार्थियों ने उस समय चीखना शुरू कर...

दो बच्चों के साथ मादा भालू देख चीखने लगे स्कूल जा रहे बच्चे

दो बच्चों के साथ मादा भालू देख चीखने लगे स्कूल जा रहे बच्चे

प्राथमिक पाठशाला थलोल और ककला  जा रहे बच्चे खेतों में मक्की खा रहे भालुओं को देखकर घबरा गए

स्कूल जा रहे विद्यार्थियों ने उस समय चीखना शुरू कर दिया, जब रास्ते में अचानक उनके सामने मादा भालू दो बच्चों के साथ नजर आ गई। गनीमत यह रही कि बच्चे भालू की पहुंच से दूर थे। बच्चों ने चिल्लाना शुरू किया तो आसपास के लोग वहां पहुंच गए। लोगों की भीड़ को देख भालू जंगल की तरफ भाग गए। यह घटना रजेरा पंचायत के थलाेल गांव में घटी। सोमवार को थलोल गांव के बच्चे एक साथ प्राथमिक पाठशाला थलोल और ककला में जा रहे थे। इसी दौरान खेतों में मक्की खा रहे भालुओं को देखकर बच्चे घबरा गए। उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। यदि समय रहते गांव के लोग मदद के लिए वहां नहीं पहुुंचते तो शायद भालू उन पर हमला कर सकते थे।

वन खंड अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि भालुओं को रिहायशी बस्ती से दूर रखने के जल्द उचित कदम उठाए जाएंगे

ग्रामीणों ने इसकी सूचना पंचायत प्रधान को दी। प्रधान गांव का मुआयना करने के लिए मौके पर पहुंचीं। प्रधान ने नष्ट की गई मक्की की फसल का भी जायजा लिया। ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वह इस समस्या के बारे में प्रशासन और वन विभाग को अवगत करवाएंगी। ग्रामीणों में कुलदील, कैलाशो, मानो, हेम सिंह, राजो और पृथो ने बताया कि ककला और थलोल गांव के लोग भालुओं के आतंक से काफी परेशान हैं। रजेरा पंचायत प्रधान बबिता देवी ने बताया कि भालू के आतंक के बारे में वन विभाग को सूचित कर दिया गया है। वन खंड अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि भालुओं को रिहायशी बस्ती से दूर रखने के लिए जल्द उचित कदम उठाए जाएंगे।

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