बगीचों में अभी न बनाएं तौलिए, उर्वरकों का छिड़काव भी न करें

बगीचों में नमी बनाए रखने और मिट्टी का तापमान नियंत्रित करने के लिए पौधों के चारों ओर घास की कतरन और पुआल, पत्तियां लगाएं वर्तमान में सूखे जैसे हाला...

बगीचों में अभी न बनाएं तौलिए, उर्वरकों का छिड़काव भी न करें

बगीचों में अभी न बनाएं तौलिए, उर्वरकों का छिड़काव भी न करें

बगीचों में नमी बनाए रखने और मिट्टी का तापमान नियंत्रित करने के लिए पौधों के चारों ओर घास की कतरन और पुआल, पत्तियां लगाएं

वर्तमान में सूखे जैसे हालातों के मद्देनजर उद्यान विभाग ने बागवानों को बगीचों में कुछ खास उपायों को अपनाने की सलाह दी है। विभाग ने बागवानों से कहा है कि वे बगीचों में तौलिए न बनाएं और उर्वरकों का छिड़काव भी न करें। इसके बजाय, बगीचों में नमी बनाए रखने और मिट्टी का तापमान नियंत्रित करने के लिए पौधों के चारों ओर घास की कतरन, पुआल या पत्तियां लगाएं। उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रमोद शाह ने बताया कि सूखे जैसे हालात से इस कठिन समय में बगीचों में नमी बनाए रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए बागवानों को गीली घास का उपयोग करने की सलाह दी गई है।इस समय तौलिए न बनाएं, बल्कि वाष्पीकरण को कम करने और मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करने के लिए पौधों के चारों ओर पुआल या घास की कतरन लगाएं।

जल-धारण क्षमता को सुधारने के लिए कार्बनिक पदार्थ या गोबर खाद डालने की भी सिफारिश 

उन्होंने सिंचाई के संबंध में भी कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी गई है। विभाग ने बागवानों को ड्रिप या स्प्रिंकलर जैसी कुशल सिंचाई प्रणालियों का उपयोग करने की सलाह दी है ताकि पानी की बचत हो सके और लगातार नमी मिल सके। इसके अलावा, जल-धारण क्षमता को सुधारने के लिए कार्बनिक पदार्थ या गोबर खाद डालने की भी सिफारिश की गई है। बागवानों को पौधों की पानी की जरूरत को कम करने के लिए अवांछित या रोगग्रस्त शाखाओं को हटाने की भी सलाह दी गई है, ताकि पौधे बेहतर तरीके से विकसित हो सकें और सूखा उनके ऊपर ज्यादा असर न डाले। इन सभी उपायों को अपनाकर बागवान सूखे के बावजूद अपने बगीचों में नमी बनाए रख सकते हैं और पौधों को स्वस्थ रख सकते हैं।

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