भाजपा और कांग्रेस समर्थित पार्षदों के बीच जमकर बहस

भाजपा समर्थित पार्षद के पहुंचने पर धरना-प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस पार्षद भड़के, नारेबाजी, वार्डों में विकास कार्य न होने का आरोप लगाकर नौवें दिन भी किय...

भाजपा और कांग्रेस समर्थित पार्षदों के बीच जमकर बहस

भाजपा और कांग्रेस समर्थित पार्षदों के बीच जमकर बहस

भाजपा समर्थित पार्षद के पहुंचने पर धरना-प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस पार्षद भड़के, नारेबाजी, वार्डों में विकास कार्य न होने का आरोप लगाकर नौवें दिन भी किया धरना और प्रदर्शन


नगर परिषद कार्यालय के बाहर कांग्रेस और भाजपा कांग्रेस समर्थित पार्षदों के बीच जमकर बहसबाजी हुई। सोमवार को कांग्रेस समर्थित पार्षद नौवें दिन भी उनके वार्डों में विकास कार्य न होने को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।
इस दौरान कसाकड़ा वार्ड के भाजपा समर्थित पार्षद देवेंद्र शर्मा भी वहां पहुंच गए। उन्होंने धरना-प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस समर्थित पार्षदों से सभी वार्डों में समान विकास होने और आंदोलन को खत्म करने की बात कही। इस पर कांग्रेस समर्थित पार्षद भड़क गए और नारेबाजी शुरू कर दी। करीब 10 मिनट बाद यह मामला शांत हुआ। कांग्रेस समर्थित पार्षदों खालिद मिर्जा, अंजू देवी, सीमा कुमारी और उर्मिला जंदरोटिया ने कहा कि अगर जनता का काम नहीं करना है तो नगर परिषद कार्यालय में ताला लगा देना उचित रहेगा। छोटे से छोटे काम के लिए भी नगर परिषद के अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ता है। उसके बाद भी नगर परिषद में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। ऐसा तीन सालों से चल रहा है। उन्होंने नप अध्यक्ष से टेंडर रद्द करने का आधार पूछा।
पार्षदों ने कहा कि सोमवार को नप अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचकर उनसे बात करने, टेंडर खोलने का निर्णय लेने की उम्मीद थी, लेकिन अध्यक्ष नहीं पहुंचीं। अध्यक्ष एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी कार्यालय नहीं आई हैं। अब पार्षद और वार्ड वासियों ने निर्णय लिया है कि अब वे पुन: उपायुक्त के समक्ष अपनी मांग रखेंगे।

नगर परिषद की उपाध्यक्ष सीमा कश्यप ने कहा कि पार्षदों के आरोप सरासर निराधार हैं। हर वार्ड में एक समान विकास कार्य करवाए गए हैं। अब नप अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचने के बाद जनरल हाउस की बैठक के दौरान अधिकारियों के समक्ष ही टेंडर खोले जाएंगे। उधर, कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि नप अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचने के बाद ही टेंडर खोले जाएंगे।