अदालत से आदेश आए हैं कि कर्मचारियों का अनुबंध काल भी पेंशन बेनिफिट के लिए जुड़ सकता है हिमाचल प्रदेश में काफी संख्या में कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंन...
सरकार फिर दे सकती है OPS का विकल्प
अदालत से आदेश आए हैं कि कर्मचारियों का अनुबंध काल भी पेंशन बेनिफिट के लिए जुड़ सकता है
हिमाचल प्रदेश में काफी संख्या में कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने सरकार द्वारा दिया गया ओपीएस का विकल्प नहीं अपनाया। ये कर्मचारी अभी एनपीएस में हैं, लेकिन इनमें से भी कई कर्मचारी ओपीएस चाहते हैं। पहले जब सरकार ने विकल्प उन्हें दिया था, तो उस समय कुछ कर्मचारियों के लिए तकनीकी दिक्कत थी, जिस पर वे तय शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे थे। मगर अब दो साल गुजर जाने के बाद वे शर्तें पूरी कर पा रहे हैं। लिहाजा अब सरकार से ओपीएस के विकल्प की मांग होने लगी है। सूत्रों के अनुुसार सरकार ने इस दिशा में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वेे देखें कि इसमें क्या हो सकता है, क्योंकि सरकार भी यह चाहती है कि कोई ओपीएस में न छूटे। एक तरफ सरकार के ये कर्मचारी हैं, जिनको दोबारा से ओपीएस के लिए विकल्प देने की मांग उठने लगी है और दूसरी तरफ बिजली बोर्ड में कर्मचारी चाहते हैं कि उनको ओपीएस दी जाए, परंतु वहां पर सरकार अब तक कोई फैसला नहीं ले रही है। एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने इस संबंध में भी सरकार से मामला उठाया है और बिजली बोर्ड में ओपीएस को लागू करने के साथ सभी छूटे हुए कर्मचारियों को ओपीएस देने की मांग रखी है। यहां बताया जाता है कि कुछ समय पहले अदालत से आदेश आए हैं कि कर्मचारियों का अनुबंध काल भी पेंशन बेनिफिट के लिए जुड़ सकता है, लिहाजा उन आदेशों के बाद करीब दो से अढ़ाई हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जिनको ओपीएस में आने से लाभ मिल सकता है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाकर सरकार कर्मचारियों की पेंशन की सुरक्षा को सुनिश्चित करे
चूंकि यह फैसला अब आया है, इसलिए वेे लोग भी पात्र हो चुके हैं, इसलिए अब एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने इस मांग को सीएम के सामने रख दिया है। दूसरी तरफ बिजली बोर्ड के छह हजार कर्मचारी ओपीएस में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं। इनको बार-बार आश्वासन तो मिल रहा है, मगर अभी तक सुविधा नहीं मिली है। इसलिए कर्मचारी वर्ग यह चाहता है कि सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है और 11 दिसंबर को बिलासपुर में कार्यक्रम किया जा रहा है। उस कार्यक्रम में सरकार कर्मचारियों के लिए कोई बड़ी घोषणा करे, जिसमें से एक ओपीएस का विकल्प छूटे हुए कर्मचारियों को देने का भी हो सकता है। इस संबंध में एनपीएस कर्मचारी महासंघ के नेता आश्वस्त हैं, जिन्होंने सीएम से पूरा मामला उठाया है। अब देखना होगा कि उन्हें सरकार कोई राहत देती है या नहीं। इसके साथ एक मामला विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने का भी सामने आया है, जिसमें यह मांग की गई है कि सरकार पेंशन की सुरक्षा को सुनिश्चित करे। उधर, एनपीएस कर्मचारी महासंघ के महामंत्री भरत शर्मा ने कहा कि अदालती आदेशों के बाद अढ़ाई हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो ओपीएस की पात्रता रखते हैं। इन कर्मचारियों के लिए सरकार से मांग उठाई गई है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन भी दिया है, इसलिए सरकार के आदेशों का इंतजार रहेगा।