सलूणी और तीसा इलाके में भरे 30 दवाइयों के सैंपल

दवाइयों को जांच के लिए विभाग की प्रयोगशाला में भेज कर इनकी गुणवत्ता की बारीकी से जांच की जाएगी बिना लाइसेंस चल रहे क्लीनिक बंद करने के बाद स्वास्थ्...

सलूणी और तीसा इलाके में भरे 30 दवाइयों के सैंपल

सलूणी और तीसा इलाके में भरे 30 दवाइयों के सैंपल

दवाइयों को जांच के लिए विभाग की प्रयोगशाला में भेज कर इनकी गुणवत्ता की बारीकी से जांच की जाएगी

बिना लाइसेंस चल रहे क्लीनिक बंद करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तीसा और सलूणी में बिकने वाली दवाइयों की गुणवत्ता की जांच भी शुरू कर दी है। हाल ही में दवा निरीक्षक ने टीम के साथ तीसा और सलूणी के विभिन्न इलाकों में दबिश देकर 30 दवाइयों के सैंपल भरे हैं। इन दवाइयों को जांच के लिए विभाग की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। यहां इनकी गुणवत्ता की बारीकी से जांच की जाएगी। जिन दवाइयों के सैंपल भरे गए हैं, उनमें बीपी, शुगर, पेन किलर और खांसी के लिए इस्तेमाल होने वाले सिरप शामिल हैं। आमतौर पर इन दवाइयों की बिक्री सबसे अधिक होती है। मरीजों को सबसे अधिक संख्या में दी जाने वाली दवाइयों में इनके नाम शामिल हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सलूणी और तीसा में दबिश देकर केमिस्ट की दुकानों में जाकर दवाइयों के क्रय-विक्रय का रिकॉर्ड जांचा। वहीं दवाइयों की गुणवत्ता जांचने के लिए सैंपल भी भरे।

ग्रामीण क्षेत्रों में बिकने वाली दवाइयों की गुणवत्ता की जांच करवा रहा स्वास्थ्य विभाग 

ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों के सेवन से मरीजों की सेहत पर किसी प्रकार का बुरा प्रभाव न पड़े, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में बिकने वाली दवाइयों की गुणवत्ता की जांच करवा रहा है। इस दौरान दवा निरीक्षक ने केमिस्ट की दुकानों में जाकर उन सभी दवाइयों को लेकर भी जांच की जिन्हें सरकार की तरफ से प्रतिबंधित किया गया है। इस दौरान किसी भी केमिस्ट की दुकान में प्रतिबंधित दवाई नहीं पाई गई। इसके अलावा केमिस्टों को सख्त निर्देश दिए गए कि डॉक्टरों की पर्ची के बिना लोगों को दवाएं न बेचें। बिना पर्ची बिकने वाली दवाइयों का नशे के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है। इसके लिए जिलाधीश ने पहले ही केमिस्टों को आदेश जारी कर रखे हैं। उनके आदेशों की कहीं पर अवहेलना तो नहीं हो रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरी जांच की। दवा निरीक्षक लवली सिंह ने बताया कि सलूणी और तीसा में 30 दवाइयों के सैंपल भरे गए हैं। इतना ही नहीं, केमिस्ट की दुकानों में दवाइयों के रिकाॅर्ड की भी जांच की गई। जिन दवाइयों के सैंपल भरे गए हैं, उन्हें जांच के लिए विभागीय प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।