नकरोड़ प्राथमिक पाठशाला हलूंडा की छत बारिश में टपकती है , विद्यार्थियों को देनी पड़ती है स्कूल से छुट्टी

स्कूल भवन की छत से फट्टे तक निकल चुके हैं, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की सम्भावना  बारिश होते ही राजकीय प्राथमिक पाठशाला हलूंडा की छत...

नकरोड़ प्राथमिक पाठशाला हलूंडा की छत बारिश में टपकती है , विद्यार्थियों को देनी पड़ती है स्कूल से छुट्टी

नकरोड़ प्राथमिक पाठशाला हलूंडा की छत बारिश में टपकती है , विद्यार्थियों को देनी पड़ती है स्कूल से छुट्टी

स्कूल भवन की छत से फट्टे तक निकल चुके हैं, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की सम्भावना 

बारिश होते ही राजकीय प्राथमिक पाठशाला हलूंडा की छत टपकने लगती है। क्लास रूम के भीतर बारिश का पानी जमा हो जाता है। इस कारण विद्यार्थी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं।स्कूल प्रबंधन को मजबूरन विद्यार्थियों को छुट्टी देनी पड़ती है। स्कूल भवन की छत से फट्टे तक निकल चुके हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसा नहीं है कि स्कूल के खस्ताहाल भवन के बारे में विभाग को जानकारी न हो, फिर भी इसकी हालत सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। खस्ताहाल हो चुके स्कूल भवन में पढ़ाई करना विद्यार्थियों के लिए मजबूरी बन गया है। यह स्कूल भवन भी लगभग 50 साल पुराना है। समय-समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण इसकी हालत दयनीय हो गई है। मौजूदा समय में इसकी हालत और भी खस्ता हो चुकी है।

मुख्याध्यापक प्रकाश चंद का कहना है कि क्षतिग्रस्त भवन में बच्चों की पढ़ाई करवाना काफी मुश्किल हो रहा है

अभिभावकों में रमेश कुमार, प्रताप सिंह, योगराज, मनोज कुमार और अशोक ने प्रशासन व शिक्षा विभाग से मांग की है कि स्कूल की दयनीय हालत को शीघ्र सुधारा जाए। उधर, स्कूल के मुख्याध्यापक प्रकाश चंद का कहना है कि स्कूल भवन की क्षतिग्रस्त हालत के बारे में उच्चाधिकारी को अवगत करवा दिया गया है। जल्द ही विभाग इस भवन की मरम्मत को लेकर उचित कदम उठा सकता है। क्षतिग्रस्त भवन में बच्चों की पढ़ाई करवाना काफी मुश्किल हो रहा है।