आयल पंचायत के ग्रामीणों ने पंचायत को सड़क से जोड़ने के लिए लिखित आश्वासन न मिलने पर लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा की वोट मांगने के लिए ह...
आयल पंचायत के लिए सड़क बनाने का लिखित आश्वासन देंगे तो ही देंगे वोट
आयल पंचायत के ग्रामीणों ने पंचायत को सड़क से जोड़ने के लिए लिखित आश्वासन न मिलने पर लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा की
वोट मांगने के लिए हाथ जोड़कर आने वाले नेता चुनाव निपटते ही लोगों के दुख-दर्द भूल जाते हैं। चुनाव के दौरान की गईं विकास की बड़ी-बड़ी बातें बाद में हवा- हवाई ही साबित होती हैं। जम्मू-कश्मीर सीमा से सटी जिला चंबा की आयल पंचायत के गांवों के लोग नेताओं के झूठे वायदों से तंग आ चुके हैं। अब ग्रामीणों ने पंचायत को सड़क से जोड़ने के लिए लिखित आश्वासन न मिलने पर लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। लोगों ने कहा कि उनके लिए सड़क एक सपने की तरह है। आयल पंचायत के गांव खैरना, भलोड़ी, चंतरोल, साहू, सलेन, गुआड़ी, चुहाली, सरोग, संगबाड़ी, कलयाहण और खानगू के बाशिंदों को आज भी पांच किलोमीटर तक ऊबड़-खाबड़ रास्ते से पैदल सफर करना पड़ता है। गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे किल्टा (किरड़) या चारपाई में उठाकर सनवाल तक पहुंचाना पड़ता है। यहां से आगे अस्पताल ले जाना पड़ता है। गंभीर हालत होने पर कई बार मरीज की बीच रास्ते में मौत हो जाती है। ग्रामीणों को मलाल है कि राजनीतिक दलों ने उनके वोट का आज तक इस्तेमाल ही किया। हर बार सड़क बनाने के सब्जबाग दिखाए गए, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं।
जो राजनीतिक दल लिखित में सड़क बनाने का आश्वासन देगा, उसे ही ग्रामीण वोट देंगे
सड़कें भाग्यरेखा कहीं जाती हैं। चुराह विस क्षेत्र की आयल पंचायत की 2800 की आबादी के लिए यह महज सपना है। समय पर स्वास्थ्य केंद्र में न पहुंचने से अब तक एक दर्जन लोग जान गंवा चुके हैं। सड़क बनाने का लिखित आश्वासन देने वाले राजनीतिक दल को ही वोट देंगे। पंचायत प्रधान शुक्रदीन ने कहा कि कई बार सरकार, प्रशासन और विभाग से पंचायत को सड़क से जोड़ने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हो पाई है। ग्रामीणों के फैसले का स्वागत करते हैं। जो राजनीतिक दल लिखित में सड़क बनाने का आश्वासन देगा, उसे ही ग्रामीण बहुमत देंगे। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता जोगेंद्र शर्मा ने बताया कि यदि ग्रामीण अपनी जमीन सड़क बनाने के लिए विभाग के नाम कर देते हैं तो इसे बजट में डाल कर प्राथमिकता के आधार पर सड़क से जोड़ने के प्रयास रहेंगे।