नई शिक्षा नीति में संसोधन अब पहली अप्रैल को जन्मे बच्चे भी होंगे पहली कक्षा में प्रवेश के पात्र

प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत अगले शैक्षणिक सत्र के लिए बच्चों की पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा में संशोधन किया है। अब पहली अ...

नई  शिक्षा नीति में संसोधन अब पहली अप्रैल को जन्मे बच्चे भी होंगे पहली कक्षा में प्रवेश के पात्र

नई शिक्षा नीति में संसोधन अब पहली अप्रैल को जन्मे बच्चे भी होंगे पहली कक्षा में प्रवेश के पात्र

प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत अगले शैक्षणिक सत्र के लिए बच्चों की पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा में संशोधन किया है। अब पहली अप्रैल को जन्मे बच्चे भी पहली कक्षा के लिए पात्र होंगें, जो कि पहले 31 मार्च को छह वर्ष आयु पूरी करने वाले छात्रों को ही इसके लिए पात्र माना गया था। हिमाचल प्रदेश सरकार के शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार अब अगले शैक्षणिक सत्र से बच्चों के लिए स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश करने के लिए आयु सीमा में नई शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत संशोधन किया गया है। अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सभी स्कूलों में आगामी शैक्षणिक सत्र 2024-25 से प्रदेश के सभी स्कूलों में पहली कक्षा में यदि बच्चे का दाखिला करवाना है, तो उसे 31 मार्च तक छह वर्ष की आयु सीमा पूरी करनी होगी। साथ में यदि बच्चे की जन्मतिथि पहली अप्रैल है, तो उसे भी दाखिले के लिए पात्र माना जाएगा। हालांकि दो अप्रैल और इसके बाद जन्मे बच्चे पहली कक्षा के लिए पात्र नहीं होंगें।

इन छात्रों को यूकेजी कक्षा में एक साल और काटना पड़ेगा। ऐसे में इन बच्चों के अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि नई शिक्षा नीति से इन बच्चों का एक साल बर्बाद हो जाएगा और उन्हें पिछली कक्षा ही में बैठना पड़ेगा। बच्चों के अभिभावक प्रदेश सरकार से छूट की मांग कर रहे हैं, ताकि प्रदेश के हजारों नन्हे-मुन्हे बच्चों का भविष्य खराब होने से बच सके, क्योंकि इससे पूर्व पहली कक्षा में प्रवेश पाने वाले छात्रों को पांच माह की समयवधि दी जाती थी। इस दौरान अगर कोई बच्चा साढ़े पांच वर्ष का हो जाता था, तो उसे पहली कक्षा में प्रवेश मिल जाता था। हालांकि नई शिक्षा नीति-2020 के तहत 31 मार्च को छह वर्ष की आयु पूरी करने वाले छात्र ही पहली कक्षा में पात्र माने जाएंगें।