जौ, सरसों और मसर के नहीं फूटे अंकुर, गेहूं की तो बिजाई ही नहीं हो पाई

नमी न होने के कारण खेतों में फसल उगी ही नहीं,  बीज हुआ बर्बाद जिला चंबा में अधिकतर किसान खेतीबाड़ी पर निर्भर रहते हैं। लेकिन बारिश न होने से ज...

जौ, सरसों और मसर के नहीं फूटे अंकुर, गेहूं की तो बिजाई ही नहीं हो पाई

जौ, सरसों और मसर के नहीं फूटे अंकुर, गेहूं की तो बिजाई ही नहीं हो पाई

नमी न होने के कारण खेतों में फसल उगी ही नहीं,  बीज हुआ बर्बाद

जिला चंबा में अधिकतर किसान खेतीबाड़ी पर निर्भर रहते हैं। लेकिन बारिश न होने से जिलेभर में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। एक ओर किसानों की ओर से बिजाई की गई जौ और मसर की फसल सूखे की चपेट में आ रही है। वहीं, गेहूं की बिजाई का सही समय निकलता जा रहा है। किसान बारिश का इंतजार कर रहे है। वहीं, कुछ किसान बारिश के लिए देवी-देवताओं के द्वार तक पहुंच चुके हैं। इन दिनों जनजातीय क्षेत्र भरमौर और होली के किसानों ने जौ और मसर की फसल की बिजाई की है। नमी न होने के कारण खेतों में फसल उगी ही नहीं हैं। फसल के साथ-साथ बीज भी बर्बाद हो रहा है। जिला चंबा के कुछेक इलाकों में किसानों ने बारिश का इंतजार करने के बाद सूखे में ही गेहूं की बिजाई कर दी है। लेकिन किसानों को अच्छी फसल उगने की उम्मीद नहीं बची है। क्योंकि, बिजाई से पहले खेतों में नमी होना काफी जरूरी है।

बिना नमी के फसल की बिजाई से हुआ आर्थिक नुकसान

कुल मिलाकर पिछले लंबे समय से बारिश न होने से किसानों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। क्योंकि, किसानों ने महंगे दाम में बीज खरीदे हैं। फसल की अच्छी पैदावार न हुई तो उन्हें आर्थिक नुकसान होगा। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. कुलदीप धीमान का कहना है कि गेहूं की बिजाई का सही समय निकलता जा रहा है। बारिश की काफी आवश्यकता है। जिन किसानों ने बिना नमी के फसल की बिजाई की है। उनकी फसलाें पर काफी प्रभाव पड़ रहा है।