मुख्यमंत्री सुक्खू बोले-2026 तक कोयले से बिजली का उत्पादन पूरी तरह बंद करने का तथा हिमाचल को 'हरित ऊर्जा राज्य' बनाने लक्ष्य

प्रदेश में 2026 तक कोयले से बिजली का उत्पादन पूरी तरह बंद करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में विधायक चैतन्य श...

मुख्यमंत्री सुक्खू बोले-2026 तक कोयले से बिजली का उत्पादन पूरी तरह बंद करने का तथा हिमाचल को 'हरित ऊर्जा राज्य' बनाने लक्ष्य

मुख्यमंत्री सुक्खू बोले-2026 तक कोयले से बिजली का उत्पादन पूरी तरह बंद करने का तथा हिमाचल को 'हरित ऊर्जा राज्य' बनाने लक्ष्य

प्रदेश में 2026 तक कोयले से बिजली का उत्पादन पूरी तरह बंद करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में विधायक चैतन्य शर्मा के प्रस्ताव के जवाब में यह जानकारी दी

हिमाचल प्रदेश में 2026 तक कोयले से बिजली का उत्पादन पूरी तरह बंद करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में विधायक चैतन्य शर्मा के प्रस्ताव के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। सरकार के अगले छह महीने के कार्यक्रम ग्रीन एनर्जी पर फोकस रहेंगे।  हिमाचल प्रदेश ने इस बार मानसून की बारिश में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव देखा है।

  1. हिमाचल प्रदेश सरकार 2025 के अंत तक हाइड्रो, हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा का उपयोग करके और हरित उत्पादों पर स्विच करके राज्य को पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
  2. राज्य सरकार वर्तमान प्रणाली को पुनर्जीवित करना चाहती है और राज्य के सर्वोत्तम हित में हरित ऊर्जा के दोहन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  3. राज्य सरकार सौर संयंत्रों में भी निवेश करेगी और वर्ष 2023-24 के दौरान 500 मेगावाट की सौर परियोजनाएं स्थापित करेगी, इसमें से 200 मेगावाट एचपीपीसीएल द्वारा स्थापित की जाएगी, जिसके लिए 70 मेगावाट क्षमता के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और शेष स्थल जल्द ही फाइनल कर लिया जाएगा।
  4. हिमाचल प्रदेश सरकार को 2355 करोड़ रुपये का इक्विटी योगदान के खिलाफ 1055 करोड़ और नाथपा झाकड़ी एवं रामपुर जलविद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत निःशुल्क बिजली से लगभग अब तक 7000 करोड़ लाभांश प्राप्त हुआ है।

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