धक्के के चल रही बसों से यात्रियों में डर और असुरक्षा का माहौल हिमाचल पथ परिवहन निगम चंबा डिपो की बसों की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। हाल...
धक्के के सहारे दौड़ रहीं बसें, सवारियों की अटक जाती हैं सांसें
धक्के के चल रही बसों से यात्रियों में डर और असुरक्षा का माहौल
हिमाचल पथ परिवहन निगम चंबा डिपो की बसों की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। हाल ही में भरमौर से सुप्पा के लिए जा रही एक सरकारी बस सड़क पर धकेलकर चली। उसे स्टार्ट करने के लिए यात्रियों और स्टाफ को खुद उतरकर धक्का लगाना पड़ा। ऐसा कोई दिन नहीं कि बसें बिना धक्के के रूटों पर निकली हों। ऐसी घटनाएं हर दिन देखने को मिलते हैं। स्थानीय लोगों में काकू राम, सुनील कुमार, महिंदर कुमार, शंकर पाल, पवन कुमार, तिलक आदि का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। चंबा डिपो की कई बसें ऐसी स्थिति में हैं कि उन्हें स्टार्ट करने के लिए रोज धक्का लगाना पड़ता है। कई बार तो बसें बस अड्डे से ही धक्के के सहारे रवाना होती हैं, जिससे यात्रियों में डर और असुरक्षा का माहौल बना रहता है।
लोगों ने परिवहन निगम प्रबंधन से बसों की स्थिति सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की
लोगों का कहना है कि भरमौर की तरफ जाने वाली हर बस खटारा ही भेजी जा रही है। यह बस तरेला से भरमौर के लिए आई थी। उसके बाद भरमौर से सुप्पा के लिए रवाना हुई। जब बस में सवारियां बैठ गईं तो बस स्टार्ट ही नहीं हुई। यात्रियों ने बस से उतरकर परिचालक के साथ बस को धक्का लगाया। यात्रियों का कहना है कि वह किराया पूरा देते हैं, लेकिन बदले में सुविधा नहीं, सिर्फ परेशानी मिलती है। हर बार डर लगता है कि कहीं बीच रास्ते में बस बंद न हो जाए। लोगों ने परिवहन निगम प्रबंधन से मांग की है कि जल्द बसों की स्थिति सुधारने के लिए कड़े कदम उठाएं। एचआरटीसी के डीडीएम शुगल सिंह का कहना है कि बस में कुछ तकनीकी खराबी के कारण यह समस्या हुई है। नई बसों की मांग के लिए प्रस्ताव भेजा है। उम्मीद है कि जल्द बसों की कमी दूर होगी।