बाहरी राज्यों की गाडिय़ों पर तीन से छह हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स वसूलने के खिलाफ खोला मोर्चा, पर्यटन को झटका

प्रदेश सरकार की ओर से बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक वाहनों पर तीन से छह हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स वसूलने के फैसले से गुजरात, बंगाल और मह...

बाहरी राज्यों की गाडिय़ों पर तीन से छह हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स वसूलने के खिलाफ खोला मोर्चा, पर्यटन को झटका

बाहरी राज्यों की गाडिय़ों पर तीन से छह हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स वसूलने के खिलाफ खोला मोर्चा, पर्यटन को झटका

प्रदेश सरकार की ओर से बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक वाहनों पर तीन से छह हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स वसूलने के फैसले से गुजरात, बंगाल और महाराष्ट्र आदि प्रदेशों के बहुत से ट्रैवल एजेंट्स ने जिला से मुंह मोडऩा शुरू कर दिया है। सैलानियों ने अब कश्मीर और उत्तराखंड की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। इससे प्रदेश के पर्यटन कारोबार को बड़ा झटका लगा है। चंबा में एक से बढक़र एक टूरिस्ट प्लेस हैं। मसलन डलहौजी, खजियार, भरमौर, पांगी, किलाड़, मणिमहेश व अन्य पर्यटन स्थानों पर साल भर सैलानी आते रहते हैं। यह बात फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन डल्हौजी के महासचिव हरप्रीत सिंह ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।

इसके साथ ही पर्यटन यहां के अधिकांश लोगों का प्रमुख व्यवसाय भी है। पिछले कुछ समय पहले कोविड और बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रदेश का पर्यटन उद्योग पूरी तरह से डूबने के कगार पर आ गया था। ऐसे में पर्यटन व्यवसायी सरकार से किसी राहत की उम्मीद कर रहे थे। इसके विपरीत प्रदेश सरकार के एक हाल ही में टैक्स बढौतरी के फैसले के कारण पर्यटन व्यवसायियों की न केवल उम्मीद पर पानी फिर गया है। ेफेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन डल्हौजी के महासचिव हरप्रीत सिंह ने कहा कि यह नया टैक्स प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए बिल्कुल भी हितकारी नहीं है। बल्कि यह तो पहले से ही भारी मंदी की मार झेल रहे पर्यटन उद्योग को पूरी तरह डुबोने का काम करेगा, क्योंकि इससे अधिकांश टस्ैवल एजेंट्स हिमाचल प्रदेश की तरफ से अपना मुंह मोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही पर्यटन उद्योग प्राकृतिक आपदाओं के कारण पूरी तरह से टूट चुका है। ऐसे में इस नए आदेश के कारण तो पर्यटन उद्योग की कमर बिल्कुल ही टूट जाएगी। हरप्रीत सिंह ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इस नए लगाए टैक्स को वापस लिया जाए, जिससे कि समय रहते फिर से त्योहारी सीजन के दौरान गुजरात, और महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों के पर्यटक हिमाचल की तरफ अपना रुख कर सकें।