होली के बागवानों को नहीं मिल रही स्प्रे और दवाइयां

बागवानों के मुताबिक क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी के बाद सेब बगीचों में स्प्रे और खाद डालने का समय है परन्तु उद्यान विभाग के स्टोर में दवाइयां नहीं&nb...

होली के बागवानों को नहीं मिल रही स्प्रे और दवाइयां

होली के बागवानों को नहीं मिल रही स्प्रे और दवाइयां

बागवानों के मुताबिक क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी के बाद सेब बगीचों में स्प्रे और खाद डालने का समय है परन्तु उद्यान विभाग के स्टोर में दवाइयां नहीं 

तहसील होली के तहत उद्यान विभाग के स्टोर में एक वर्ष से बागवानों को स्प्रे करने के लिए दवाइयां नहीं मिल रही हैं। इस कारण क्षेत्र के करीब 1200 बागवानों को फलदार पौधों में स्प्रे करने और दवाइयां खरीदने के लिए भटकना पड़ रहा है। बागवानों के मुताबिक क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी हो चुकी है। अब सेब बगीचों में स्प्रे और खाद डालने का समय है। उद्यान विभाग के स्टोर में दवाइयां नहीं हैं। विभागीय अधिकारी मांग भेजने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। बागवानों का आरोप है कि चुनिंदा लोगों को लाभ दिलवाने के लिए उद्यान विभाग बागवानों की मांग को नजरअंदाज कर रहा है।

उप निदेशक प्रमोद शाह ने बताया कि बागवानों को अपनी मांग विभाग को पहले ही भेज देनी चाहिए

बागवान राजेश कुमार, राकेश कुमार, जय करण, संजय कुमार, राजीव कुमार और सुरेश आदि ने बताया कि सेब बगीचों में स्प्रे और दवाइयों के लिए बीते एक वर्ष से मांग उठाई जा रही है। हर बार बागवानों को ऑर्डर देने की बात कहकर टरकाया जाता है। लोगों को निजी दुकानों में महंगे दाम पर सामान खरीदना पड़ रहा है। आरोप लगाया है कि ऐसा लगता है कि भरमौर के अधिकारी निजी दुकानदारों को फायदा पहुंचाने के लिए दवाइयां अपने स्टोर में मंगवा रहे है। कई बार अधिकारी बाहर से ही दवाइयां लेकर उसका बिल विभाग के पास जमा करवा कर सब्सिडी मिलने की बात कहते हैं। यह अनुदान भी बागवानों को नहीं मिलता है। उधर, उद्यान विभाग के एसएमएस आशीष शर्मा ने बताया कि बागवानों की मांग शिमला भेज दी गई है। शिमला से सामान पहुंचने पर बागवानों को उपलब्ध करवा दिया जाएगा।

उद्यान विभाग के उप निदेशक प्रमोद शाह ने बताया कि बागवानों को अपनी मांग विभाग को पहले ही भेज देनी चाहिए, जिससे उन्हें समयानुसार सब कुछ मिल सके। विभाग का भी ध्येय रहता है कि मांग के अनुसार बागवानों को सामान उपलब्ध करवाया जाए। इसके लिए बागवानों को भी जागरूक होना चाहिए।