हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग में विभिन्न श्रेणियों के कई पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए पशुपालन विभाग ने सरकार को प्रोपोजल भेज दिया है। ऐसे में पश...
हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग में सैकड़ों पद खाली, सरकार की अनुमति का इंतजार, कर्मचारियों पर बढ़ रहा काम का बोझ
हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग में विभिन्न श्रेणियों के कई पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए पशुपालन विभाग ने सरकार को प्रोपोजल भेज दिया है। ऐसे में पशुपालन विभाग को सरकार से अनुमति मिलने का इंतजार है। विभाग में सीनियर वेटरिनरी ऑफिसर्ज, वेटरिनरी ऑफिसर्ज, चीफ वेटरिनरी इंस्पेक्टर, जूनियर वेटरिनरी इंस्पेक्टर, वेटरिनरी इंस्पेक्टरों के सैकड़ों पद खाली होने के कारण अन्य अधिकारियों पर इसका बोझ पड़ रहा है। सीनियर वेटरिनरी ऑफिसर के 67 में से 11, वेटरिनरी ऑफिसरों के 468 पदों में से 64, चीफ वेटरिनरी इंस्पेक्टर के 59 में से 35, जूनियर वेटरिनरी इंस्पेक्टर के 2355 में से 363, वेटरिनरी इंस्पेक्टर के 366 पदों में से 50 पद खाली चल रहे है। मौजूदा अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्वीकृति मिलते ही रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
वन विभाग के अधिकारी पर कर्मचारियों को प्रताडि़त करने का आरोप
हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ और वन विभाग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ ने वन विभाग में पीसीसीएफ स्तर के एक अधिकारी पर कर्मचारियों को घर पर काम कराने और उन्हें प्रताडि़त करने के आरोप लगाए हैं। इस संदर्भ में कर्मचारी महासंघ ने वन विभाग के मुखिया को ज्ञापन भी सौंपा है। उन्होंने कर्मचारियों के ज्ञापन पर पूछताछ टिप्पणी की है। जांच के बाद विभाग की ओर से आगामी कार्रवाई की जाएगी। हेैड ऑफ फोरेस्ट फोर्सेज राजीव कुमार ने बताया कि जांच के बाद ही इस मामलें में अगला कदम उठाया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वह कोई कदम उठा पाएंगे।