क्रिसमस से पहले हिमाचल में हुई बर्फबारी से पर्यटन कारोबार में बूम आने की उम्मीद हिमाचल प्रदेश में हुई ताजा बर्फबारी के बाद एकाएक सैलानियों की संख्य...
बर्फबारी के बाद झूमे सैलानी, पर्यटन स्थलों पर बढ़ी रौनक, ऑक्यूपेंसी में हुआ इजाफा
क्रिसमस से पहले हिमाचल में हुई बर्फबारी से पर्यटन कारोबार में बूम आने की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश में हुई ताजा बर्फबारी के बाद एकाएक सैलानियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। रविवार को देर शाम शिमला के रिज मैदान पर बर्फ के फाहे गिरते ही सैलानी झूम उठे। बर्फबारी के बाद आने वाले दिनों में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों का जमावड़ा लगने की उम्मीद है। हालांकि, निचले इलाकों के लोग बारिश और बर्फबारी का इंतजार करे रहे हैं। क्रिसमस से पहले हिमाचल में हुई बर्फबारी से पर्यटन कारोबार में बूम आने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में वीकेंड के अलावा हफ्ते के अन्य दिनों में भी सैलानियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। रविवार को बर्फबारी के बाद कुफरी में सफेद चादर बिछ गई। शिमला की जाखू चोटी और रिज मैदान पर सहित अन्य क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी के बाद सैलानियों ने खूब मस्ती की। शनिवार को शिमला और मनाली में 60 फीसदी, कसौली में 70 फीसदी, चायल और धर्मशाला में 40 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी रही। माैसम विभाग की ओर से प्रदेश में आज भी बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है।
रिज पर फाहों में सैलानियों ने की मस्ती
शिमला जिले में रविवार शाम को अचानक मौसम ने करवट बदली। बर्फ के फाहे गिरने से बागवानों-किसानों को कृषि कार्य शुरू होने की उम्मीद जगी है। वहीं रिज पर सैलानियों ने बर्फ के फाहों के बीच जमकर मस्ती की। जिले के अधिकतर इलाकों में बारिश न होने के चलते रबी की फसल का कार्य रुका हुआ है। किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बारिश-बर्फबारी होने के बाद बगीचों में सर्दियों मे लगने वाले सेब सहित स्टोन फ्रूट की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम खुलने के बाद बागवान बगीचों में तौलिए बनाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा ज्यादा बारिश होने के बाद नए पौधे रोपने के लिए उपयुक्त नमी बन जाएगी। उनका कहना है कि तापमान एकदम नीचे आने से माइट, कैंकर, वूली एफिड से स्वयं ही निजात मिल जाएगी और किसी भी प्रकार के स्प्रे करने से बचें। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार किसान खेतों में बारिश न होने के चलते रुके हुए बिजाई के कार्य को शुरू कर सकते हैं। मटर सहित अन्य बेमाैसमी सब्जियों की बिजाई का काम शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा जहां पर सब्जी की पौध तैयार हो चुकी है वे किसान मौसम खुलने के बाद पौधों की रोपाई भी कर सकते हैं।