सलूणी क्षेत्र में सियुल नदी पर पुल न बनने से भड़के ग्रामीण घेरेंगे PWD का कार्यालय

सियुल नदी पर निर्माणाधीन पुल का कार्य बहुत ही धीमी गति से रहा चल  विकास खंड सलूणी के तहत तीन पंचायतों के ग्रामीणों का सफर कम नहीं हो पाया है।...

सलूणी क्षेत्र में सियुल नदी पर पुल न बनने से भड़के ग्रामीण घेरेंगे PWD का कार्यालय

सलूणी क्षेत्र में सियुल नदी पर पुल न बनने से भड़के ग्रामीण घेरेंगे PWD का कार्यालय

सियुल नदी पर निर्माणाधीन पुल का कार्य बहुत ही धीमी गति से रहा चल 

विकास खंड सलूणी के तहत तीन पंचायतों के ग्रामीणों का सफर कम नहीं हो पाया है। सियुल नदी पर निर्माणाधीन पुल का कार्य धीमी गति से चल रहा है। इससे चलते ग्रामीणों में रोष पनप रहा है। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग को चेतावनी दी है कि 15 दिन के भीतर कार्य तेज गति से नहीं करवाया गया तो वे लोक निर्माण विभाग के कार्यालय का घेराव करेंगे। जानकारी के अनुसार यह पुल वर्ष 2017 में स्वीकृत हुआ था। आज तक इसका कार्य पूरा नहीं हो पाया है। यह पुल गांव पलोग से जुड़ना था। हालांकि, गांव के लिए नौ किलोमीटर लंबी सड़क बन चुकी है, मगर बिना पुल सड़क का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। विद्यार्थी और नौकरीपेशा लोग रोजाना पैदल आवाजाही करने पर मजबूर हैं। पुल के निर्माण पर एक करोड़ दस लाख रुपये की राशि खर्च की जा रही है। 

विभाग ने संबंधित ठेकेदार पर 11 लाख रुपये की लगाई पेनल्टी

ग्रामीणों में योग सिंह, चमन लाल, टेक चंद, किशोरी लाल, सुभाष कुमार, भान सिंह और भीलो राम ने बताया कि इस पुल का लाभ तीन पंचायतों सनूह, भांदल और किहार की लगभग तीन हजार की आबादी को मिलेगा, लेकिन पुल की सौगात मिलने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के ढुलमुल रवैये के चलते कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। बताया कि इस पुल का निर्माण कार्य पूरा होने से ग्रामीणों के दो घंटे का सफर कम होगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस पुल का कार्य जल्द पूरा करवाया जाए या फिर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर विभाग खुद कार्य को पूरा करवाए। उधर, अधिशासी अभियंता कुमुद उपाध्याय ने बताया कि यह मामला उनके ध्यान में है। विभाग ने संबंधित ठेकेदार को 11 लाख रुपये की पेनल्टी डाली है। तीन माह के भीतर कार्य पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। यदि ठेकेदार कार्य नहीं करवाता है तो उसके ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।