शहर की चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था लोगों के लिए सिरदर्द शहर की चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था लोगों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। शहर के विभिन्न हिस्सों में...
चंबा में सडक़ें कम, ट्रैफिक का बोझ ज्यादा
शहर की चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था लोगों के लिए सिरदर्द
शहर की चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था लोगों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। शहर के विभिन्न हिस्सों में वाहनों के लंबे जाम से लोगों की आवाजाही रिस्की होकर रह गई है। जाम के बोझ से सिकुड़ी शहर की सडक़ों पर कई मर्तबा राहगीर वाहन की चपेट में आकर उपचार के लिए मेडिकल कालेज पहुंच चुके हैं। शहर की ट्रेफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर पार्किग स्थल निर्माण की कवायद भी अदालती रोक के चलते बंद हो चुकी है। इसके विपरीत चंबा उपमंडल में ही औसतन हर माह तीन से चार सौ दोपहिया व चौपहिया वाहन पंजीकृत हो रहे हैं।
वाहनों की दिन- प्रतिदिन बढ़ती भीड़ के बीच पार्किग स्थलों की कमी गंभीर समस्या
शहर में वाहनों की दिन- प्रतिदिन बढ़ती भीड़ के बीच पार्किग स्थलों की कमी अब गंभीर समस्या का रूप लेती जा रही है। पार्किग स्थलों की कमी से बाहरी राज्यों व जिला के अन्य हिस्से से आने वाले चालकों के प्रतिबंधित हिस्से में वाहन पार्क करने से ट्रैफिक जाम के चलते लोगों को आवाजाही में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चंबा जिला में दोपहिया वाहनों के लिए शहर के बीचोंबीच मात्र चौगान नंबर तीन के अलावा चौपहिया वाहनों के लिए एक निजी पार्किंग के अलावा राजीव गांधी कांपलेक्स के धरातल और पुराने बस अड्डे परिसर में पार्किग की अधिकृत सुविधा उपलब्ध है। मगर वाहनों की बढ़ती संख्या के आगे यह स्थल नाकाफी साबित हो रहे हैं। शहर के भीड़ भड़ाके वाले हिस्से में तो पैदल आवाजाही हाई रिस्क पर पहुंच गई है।
सदर विधायक नीरज नैयर के बोल
उधर, सदर विधायक नीरज नैयर ने बताया कि शहर की ट्रैफिक समस्या के हल हेतु पुराने बस अड्डे के पास मल्टीस्टोरी पार्किग कांपलेक्स की कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से पांच करोड़ की राशि मंजूर की गई है। इस मल्टीस्टोरी कांपलेक्स के निर्माण से शहर में पार्किग स्थलों की कमी का मसला सुलझ जाएगा।