मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए किया जाए घोषित केंद्रीय ट्रेड यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा संबंधित सीटू ने मंगलवार को देशव्यापी आहवान...
हक के लिए सडक़ों पर उतरी सीटू
मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए किया जाए घोषित
केंद्रीय ट्रेड यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा संबंधित सीटू ने मंगलवार को देशव्यापी आहवान पर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मुख्यालय में रैली निकालकर जोरदार हल्ला बोला। लखदाता पार्क से आरंभ रैली पूरे नगर की परिक्रमा के उपरांत उपायुक्त कार्यालय के बाहर जाकर समाप्त हुई। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। रैली के उपरांत उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी प्रेषित किया। इस प्रदर्शन की अगुवाई सीटू की जिला सचिव सुदेश ठाकुर ने की। इस मौके पर सीटू जिला सचिव सुदेश ठाकुर ने कहा कि देश भर में संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए घोषित किया जाए।
आशा वर्कर, आंगनबाड़ी, व मिड-डे मील, कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की भी उठाई मांग
केंद्र और राज्य का एक समान वेतन घोषित करने, हाल ही में पारित तीन किसान विरोधी कानून को रद्द करने और किसानों की फसल के लिए स्वामीन कमीशन की सिफारिशें लागू करने की मांग भी उठाई गई है। उन्होंने महिला उत्पीडऩ पर रोक लगाने, नई शिक्षा नीति को वापिस लेने और बढ़ती बेरोजगारी पर रोक लगाने आंगनबाड़ी, मिड-डे मील, आशा व अन्य योजना कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग भी उठाई। बैंक, बीमा, बीएसएनएल, रक्षा, बिजली, परिवहन, पोस्टल, रेलवे, एनटीपीएस, एनएचपीसी, एसजेवीएनएल, कोयला, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सीमेंट, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश और निजीकरण बंद करने की मांग भी की। इस मौके पर विभिन्न यूनियनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।