मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन संबंधित सीटू गैहरा ब्लाक का सम्मेलन सोमवार को संपन्न हुआ। सम्मेलन में सीटू के जिला अध्यक्ष नरेंद्र ने विशेष तौर से उपस्थिति...
बीस को स्कूलों में नहीं पकेगा खाना
मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन संबंधित सीटू गैहरा ब्लाक का सम्मेलन सोमवार को संपन्न हुआ। सम्मेलन में सीटू के जिला अध्यक्ष नरेंद्र ने विशेष तौर से उपस्थिति दर्ज करवाई। सम्मेलन के दौरान फैसला लिया गया कि बीस मई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते गैहरा ब्लाक के स्कूलों में मिड-डे मील नहीं पकाया जाएगा। इस दिन सभी मिड-डे मील वर्कर हड़ताल पर रहेंगें। बैठक में 21 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया। इसमें पावना देवी को ब्लाक अध्यक्ष, अनिता महासचिव, अशोक कोषाध्यक्ष, मंगत राम उपाध्यक्ष और कविता को सहसचिव चुना गया। बीना, पम्मी, निमो देवी, लेख राज, अनीता कुमारी, मीना, पूजा, बबली, किरण, रिंकू, मेहरी, सुरजीत, पवन व रमेश को सदस्य के तौर पर ब्लाक कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है। सीटू के जिला अध्यक्ष नरेंद्र ने कहा कि मिड-डे मील वर्करों का शोषण हो रहा है। तीन माह से मिड-डे मील वर्करों को मानदेय नहीं मिल रहा है।
इसके चलते मिड-डे मील वर्कर गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे है। मानदेय न मिलने के कारण घर का राशन, बच्चों की फीस, इलाज का खर्चा व सामाजिक उतरदायित्व निभाना मुश्किल हो गया है। देश के बच्चों को कुपोषण से बचाते बचाते खुद का परिवार कुपोषित हो रहा है। किसी तरह की कोई छुट्टी नहीं है। हाई कोर्ट के 12 माह के निर्णय को लागू नहीं किया जा रहा है। पूरे शिक्षा विभाग में 12 माह का वेतन मिलता है, लेकिन मिड-डे मील वर्करों के साथ अन्याय किया जा रहा है। 25 बच्चों की शर्त के चलते वर्करों को नौकरी छोडऩी पड़ रही है। इसके साथ ही कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। मिड-डे मील वर्कर को सेवानिवृत्ति के बाद किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं है पेंशन है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मिड-डे मील योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना करके इसे खत्म करके सुनियोजित साजिश रची है। सरकार मिड-डे मिल योजना में केंद्रीय रसोई घर व डीबीटी शुरू कर रही है। इससे मिड-डे मील कर्मियों की छंटनी तय है। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है, जिसके चलते बड़ेे पैमाने पर निजीकरण होगा। यह सब करके भाजपा सरकार मिड-डे मील कर्मियों के रोजगार को खत्म करना चाहती है। प्रदेश में कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं व कई मिड-डे मील कर्मियों को नौकरी से बाहर किया जा चुका है। इसके खिलाफ बीस मई को सभी मिड-डे मील वर्कर हड़ताल में शामिल होंगे।