चंबा जिले के 92 प्राथमिक विद्यालयों में एक साल के लिए रखे अपरेंटिस शिक्षक हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर...
दुर्गम क्षेत्रों में नहीं सताएगी शिक्षकों की कमी, प्रशासन ने तैयार किया ये प्रस्ताव
चंबा जिले के 92 प्राथमिक विद्यालयों में एक साल के लिए रखे अपरेंटिस शिक्षक
हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब बच्चों की पढ़ाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के माध्यम से शिक्षण सुविधाओं को मजबूत करने और बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षकों का कौशल विकास करने के लिए यह प्रदेश का पहला प्रयास चंबा में किया गया है। चंबा जिले के 92 प्राथमिक विद्यालयों में एक साल के लिए अपरेंटिस शिक्षक रखे गए हैं, जो इस योजना के तहत काम करेंगे।
इस परियोजना के लिए नीति आयोग ने एक करोड़ रुपये का बजट किया मंजूर
यह योजना उपायुक्त चंबा की देखरेख में लागू की जा रही है, जिसमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग उपनिदेशक, आईटीआई चंबा के प्रधानाचार्य और डाइट सरू के परियोजना अधिकारी के समन्वय से कार्य हो रहा है। उपायुक्त चंबा के निर्देशों पर इस प्रस्ताव को आईटीआई चंबा के प्रधानाचार्य बिपन शर्मा ने तैयार किया। इन अपरेंटिस शिक्षकों को प्रति माह 8,000 रुपये का मासिक वजीफा भी मिलेगा। इस परियोजना के लिए नीति आयोग ने एक करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति सुधारने के लिए पहल
जिला चंबा के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही थी। इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने नीति आयोग को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई। उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि यह प्रयास चंबा जिले के आकांक्षी जिला होने के कारण खास महत्व रखता है और इसे पूरे प्रदेश के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है। इस परियोजना का उद्देश्य केवल शिक्षकों की कमी को दूर करना नहीं है, बल्कि शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और उनके कौशल में वृद्धि करने के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा को सुनिश्चित करना भी है।
यह मिलेगा फायदा, प्रमाण पत्र भी मिलेगा
इस योजना में प्रशिक्षित शिक्षकों को एक साल तक मासिक वजीफा प्रदान किया जाएगा। यह वजीफा 50 फीसदी नीति आयोग की ओर से और 50 फीसदी राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षित शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा और उन्हें एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जो पूरे देश में मान्य होगा। इससे न केवल इन शिक्षकों का कौशल उन्नत होगा, बल्कि उन्हें भविष्य में और अधिक अवसर मिलेंगे।