हिमाचल सरकार जल्द ही स्टोन क्रशर पर लगे बैन को हटाने का फैसला कर सकती है। आपदा के बाद से स्टोन क्रशर पर बैन लगाया गया था और अब बैन की जांच के लिए गठित...
जल्द ही स्टोन क्रशर शुरू होंगे, बरसात से जारी प्रतिबंध की जांच के लिए कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट
हिमाचल सरकार जल्द ही स्टोन क्रशर पर लगे बैन को हटाने का फैसला कर सकती है। आपदा के बाद से स्टोन क्रशर पर बैन लगाया गया था और अब बैन की जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। उद्योगमंत्री हर्षबर्धन चौहान ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने आपदा के लिए खनन को जिम्मेदार ठहराया था और इसके साथ ही क्रशर और सभी तरह के खनन पर रोक लगाने की पैरवी की थी। उस समय राज्य सरकार ने स्टोन क्रशर समेत खनन को बंद करने का फैसला किया था, लेकिन क्रशर बंद होने से भवन निर्माण सामग्री महंगी हो गई है। इसका असर कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी विभाग का काम प्रभावित होने की बात उनसे कही है।
साथ ही क्रशर को दोबारा बहाल करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि स्टोन क्रशर बंद होने की वजह से उद्योग विभाग को रोजाना 30 से 40 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। स्टोन क्रशर को दोबारा बहाल करने की स्थिति जांचने के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, अब उसने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब क्रशर खोलने का रास्ता खुल गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जल्द ही क्रशर को दोबारा खोलने का फैसला कर सकते हैं और यह फैसला आगामी एक या दो दिन में सामने आ सकता है। उन्होंने कहा कि क्रशर खुलने का बड़ा लाभ उन लोगों को मिलेगा, जो भवन निर्माण करवा रहे हैं। क्रशर बंद होने और पंजाब की सप्लाई देरी से पहुंचने और महंगी होने का असर भवन निर्माण सामग्री पर पड़ा है। इसे देखते हुए अब सरकार क्रशर बहाल करने जा रही है।