विकास का सफर 2014 से नहीं,1947 से

आनंद शर्मा ने कहा सत्तारुढ दल के नेता ऐसा माहौल बनाने की कोशिशों में लगे हैं कि जैसे उनकी सरकार बनने से पहले देश में कुछ हुआ ही नहीं  कांगडा-च...

विकास का सफर 2014 से नहीं,1947 से

विकास का सफर 2014 से नहीं,1947 से

आनंद शर्मा ने कहा सत्तारुढ दल के नेता ऐसा माहौल बनाने की कोशिशों में लगे हैं कि जैसे उनकी सरकार बनने से पहले देश में कुछ हुआ ही नहीं 

कांगडा-चंबा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनावों में सत्तारुढ दल के नेता अपने कटु भाषणों से निरंतर देश और समाज में लकीरें खींच रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव तो हो जाएगा, मगर जो कटुता पैदा की जा रही है उससे तनाव पैदा हो जाएगा, जिससे देश और समाज का अहित होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य भाजपा नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि वे अपने विचारों में ऐसा खौफनाक मंजर दिखाकर देश की जनता को डराते हैं कि अगर वो ना आए तो क्या होगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या नरेंद्र मोदी के पीएम बनने से पहले भारत की पहचान नहीं थी। उन्होंने भलेई, मंजीर व पुखरी में जनता को आगाह करते हुए कहा कि सत्तारुढ दल के नेता ऐसा माहौल बनाने की कोशिशों में लगे हैं कि जैसे उनकी सरकार बनने से पहले देश में कुछ नहीं हुआ था, जोकि सरासर झूठ है। आनंद शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने देश की नींव रखी।

देश में खौफ का वातावरण, और सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग

कांग्रेस की सोच समावेषी है। समाज के हर वर्ग को जाति, धर्म और क्षेत्र के भेदभाव के बिना बराबरी का दर्जा दिया गया। हमारा संविधान भी इसी को मानता है, मगर दुर्भाग्य से कोई ऐसे तीखे शब्द कह रहा है, जिसकी सोच समावेशी नहीं है। चुनावी फायदे के लिए देश और समाज में निरंतर लकीरें खिंची जा रही हैं। आनंद शर्मा ने कहा कि वक्त की पुकार के चलते तमाम दल एक साथ आकर प्रजातंत्र को बचाना चाहते हैं। देश में खौफ का वातावरण है। सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है। विरोधियों पर निशाना लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें चुनाव मैदान में उतरना पडा। उन्होंने कहा कि पुराने लोगों ने देश और हिमाचल को आगे बढते हुए देखा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हमारे देश का सफर 15 अगस्त 1947 को नहीं बल्कि मई 2014 से शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि देश के हर नागिरक को बिना भेदभाव के संवैधानिक अधिकार दिए गए हैं, जिन्हें कोई नहीं छीन सकता। अगर कोई ऐसा प्रयास भी करता है तो सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करके उसे रोक देता है। हर नागरिक का एक-एक वोट मिलकर सरकार बनाता है। उन्होंने कहा कि सोच और विचारधारा एक महत्व रखती है, अगर प्राथमिकताएं गलत हो तो देश और समाज गलत हाथों में जा सकता है। देश के विकास का अपमान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले हिंदुस्तान 2 टिलियन डालर की इकोनोमी था। तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दस साल में भारत की जीडीपी चार गुणा बढी थी।

हिमाचल व खासकर कांगडा-चंबा से अपने जुडाव की बात भी बताई

आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी जी प्रधानमंत्री बने तो कहते हैं हमसे पहले भारत कमजोर था, जबकि सच्चाई यह है कि उनके पीएम बनने से पहले देश परमाणु शक्ति था, अंतरीक्ष शक्ति था और चंद्रयान भी चांद पर जा चुका था चांद पर तिरंगा उतर चुका था। उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि जो वायदे करके पीएम मोदी ने सरकार बनाई थी उसका हिसाब नहीं दे रहे। हर कोई अपना लेखाजोखा रखता है। मगर मौजूदा केंद्र सरकार अपना हिसाब नहीं दे रही। वर्ष 2014 का घोषणा पत्र ही लें तो रोजगार, महंगाई, पैट्रोल-डीजल की कीमत आधी करने और महिलाओं व किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए गए। नई से नई बातें ला रहे हैं, मगर वायदों का अपना हिसाब नहीं दे रहे। उन्होंने हिमाचल व खासकर कांगडा-चंबा से अपने जुडाव की बात भी बताई। साथ ही जिला चंबा के विकास को प्राथमिकता देने का वादा किया।