बर्फबारी-बारिश न होने से विकराल होने लगी समस्या, फसलों को लेकर किसान-बागबान परेशान प्रदेश भर में हुए मौसम बदलाव के चलते लंबे समय से न तो बारिश हो र...
ड्राई स्पेल से सूखने लगे जल स्रोत, बर्फबारी-बारिश न होने से किसान-बागबान परेशान
बर्फबारी-बारिश न होने से विकराल होने लगी समस्या, फसलों को लेकर किसान-बागबान परेशान
प्रदेश भर में हुए मौसम बदलाव के चलते लंबे समय से न तो बारिश हो रही है, और न ही पहाड़ों पर बर्फबारी के आसार दिख रहे हैं। मौसम की इस बेरुखी के चलते किसान-बागबानों भी परेशान हो गए हैं। इसके चलते किसानों-बागबानों को अपनी फसलों की चिंता सताने लगी है। समय पर बारिश-बर्फबारी न होने से किसानों-बागबानों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। साथ ही वाटर रिसोर्स भी सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। इससे प्रदेश में पानी का संकट भी पैदा हो सकता है। अब जल्द ही मौसम की स्थिति में सुधार न होने पर समस्या ओर अधिक विकराल बन सकती है। मैदानी क्षेत्रों में धुंध-कोहरे का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
धौलाधार रेंज में पाए जाने वाले वाटर रिसोर्स सूखने के कगार पर
इस कारण लोगों को कई बीमारियों ने जकड़ लिया है। सर्दी-खांसी के मरीजों की अस्पतालों में काफी भीड़ देखने को मिल रही है। प्रदेश भर के लोग व पर्यटक लंबे समय से बर्फबारी व बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। पहाडिय़ों पर क्रिसमस पर बर्फबारी होती थी, लेकिन इस बार नहीं हुई। अगर जिलों में अगले आठ से दस दिन के अंदर बारिश नहीं हुई, तो किसानों को सूखा पडऩे के नुकसान से गुजरना पड़ेगा और सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। कांगड़ा घाटी की बात करें, तो यहां यहां ड्राई स्पेल के कहर से अब धौलाधार रेंज में पाए जाने वाले वाटर रिसोर्स सूखने के कगार में पहुंचने लगे हैं, जिससे जल शक्ति विभाग व लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
पीली पडऩे लगी रवी फसलें
बारिश व बर्फबारी न होने स किसान व बागबान परेशान हो गए हैं। सर्दियों के मौसम में चलते मैदानी क्षेत्रो में धुंध-कोहरे का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। बारिश न होने से गेहूं की फसलें पीली पड़ गई हैं। अगर जल्द ही बारिश न हुई, तो गेहूं की फसलों के साथ साथ अन्य फसलों को भी नुकसान होना शुरू हो जाएगा।
आठ-दस दिन में बारिश नहीं, तो प्रदेश में पड़ेगा सूखा
हिमाचल प्रदेश नोर्थ जोन संयुक्त कृषि निदेशक डा. पवन कुमार ने बताया कि बारिश और बर्फबारी का ज्यादा प्रभाव अभी तक गेहूं पर देखने को कम मिला है। अगर आठ से दस दिन के अंदर बारिश नहीं हुई, तो सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और किसानों को भी नुकसान से गुजरना पड़ेगा।
पानी की सप्लाई में कटौती बारिश व बर्फबारी के बाद इस दिक्कत का हल हो जाएगा
धर्मशाला डिवीजन के एक्सईन संदीप चौधरी ने बताया कि जिला में लंबे समय से बारिश व बर्फबारी नहीं हुई है, जिसके चलते प्राकृतिक स्रोतों का पानी कम होने लगा है और लोगों को सप्लाई के दौरान थोड़ी कटौती की जा रही है। बारिश व बर्फबारी के होते ही प्राकृतिक स्रोतों में पानी भर जाएगा, जिसके बाद दिक्कत का हल हो जाएगा।