अमृतसर और कानपुर से संबंध रखने वाले परिवार ने एक आरओ दान दिया जिसकी नाम प्लेट सरकारी अध्यापक के कहने पर बदली गई राहगीरों की प्यास बुझाने के ल...
डलहौजी के सुभाष चौक में मृतक की याद में लगाई पानी की टंकी पर किसी और के नाम की पट्टिका लगा दी
अमृतसर और कानपुर से संबंध रखने वाले परिवार ने एक आरओ दान दिया जिसकी नाम प्लेट सरकारी अध्यापक के कहने पर बदली गई
राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए जिसने टंकी लगाई, उसकी जगह इस पर किसी दूसरे का नाम लिख दिया। डलहौजी के सुभाष चौक में यह कारनामा सामने आया है। वर्ष 2012 में स्थानीय सदर बाजार निवासी की आकस्मिक मृत्यु के बाद परिवार वालों ने मृतक की याद में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए पानी की टंकी रखवाकर इसे पानी का कनेक्शन दिया था। शनिवार को परिवार ने वहां जाकर देखा तो जिसकी याद में परिवार ने यह टंकी लगाई थी, उसका नाम मिटाकर किसी और का लिख दिया गया था। बाकायदा, इसका उद्घाटन कर मिठाइयां भी बांटी जा रही थीं। अमृतसर और कानपुर से संबंध रखने वाले इस परिवार ने एक आरओ दान में दिया था। इस मामले में एक सरकारी अध्यापक का नाम लिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उसी के कहने पर यह सब किया गया है।
पंकज की पत्नी पूनम ने बताया कि शनिवार को उनके पति का नाम मिटाकर किसी अन्य का नाम लिख दिया गया
जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर तीन, सदर बाजार डलहौजी के निवासी पंकज का 2012 में आकस्मिक निधन हो गया था। उसके परिवार ने पंकज की याद में सुभाष चौक पर राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए पानी की टंकी रखवाई थी। पंकज की पत्नी पूनम ने बताया कि शनिवार को उनके पति का नाम मिटाकर किसी अन्य का नाम लिख दिया गया। इससे उन्हें ठेस पहुंची है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई की जाए। उनके दिवंगत पति का नाम दोबारा वहां लिखा जाए। इस घटनाक्रम को लेकर वाल्मीकि सभा सोमवार को एसडीएम डलहौजी को ज्ञापन सौंपेगी।
यह खबर जैसे ही सोशल मीडिया में फैली तो वहां नए अंकित किए गए परिवारों के नाम की पट्टिका को हटाकर दोबारा से पुराने परिवार के नाम की पट्टिका को लगा दिया गया
पानी की टंकी से परिवार का नाम गायब करने की खबर जैसे ही सोशल मीडिया में फैली तो वहां नए अंकित किए गए परिवारों के नाम की पट्टिका को हटाकर दोबारा से पुराने परिवार के नाम की पट्टिका को लगा दिया गया। हालांकि, परिवार ने पुरानी पट्टिका को हटाने के लिए कड़ी नाराजगी जताई है, क्योंकि परिवार ने अपने घर के सदस्य के आकस्मिक निधन होने पर उसकी याद में यह पानी की टंकी लगवाई थी। हालांकि इस बात को लेकर पूरी डलहौजी में चर्चा हो रही है कि आखिरकार किसके कहने पर पुरानी पट्टिका को हटाकर नई पट्टिका को लगाया गया।