बाथरी सिविल अस्पताल सरकारी विश्राम गृह बनकर रह गया

वर्तमान में अस्पताल में स्वीकृत चार में से महज दो ही चिकित्सक, रेडक्राॅस सोसायटी की एंबुलेंस का भी इस्तेमाल भी नहीं बाथरी के पटना मोड़ स्थित सिविल...

बाथरी सिविल अस्पताल सरकारी विश्राम गृह बनकर रह गया

बाथरी सिविल अस्पताल सरकारी विश्राम गृह बनकर रह गया

वर्तमान में अस्पताल में स्वीकृत चार में से महज दो ही चिकित्सक, रेडक्राॅस सोसायटी की एंबुलेंस का भी इस्तेमाल भी नहीं

बाथरी के पटना मोड़ स्थित सिविल अस्पताल सरकारी विश्राम गृह बनकर रह गया है। बीते वर्ष तीस बिस्तर वाले अस्पताल का उद्घाटन हुआ था। सिविल अस्पताल बनने से क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक पंचायतों के बाशिंदों को राहत मिली थी। वर्तमान में अस्पताल में स्वीकृत चार में से महज दो ही चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। बाथरी और आसपास के क्षेत्रों की करीब 20 हजार आबादी उपचार के लिए यहां आती है। दो चिकित्सकों के लिए अस्पताल में सेवाएं देना मुश्किल हो रहा है। इसके अतिरिक्त यहां वर्षों पुरानी एंबुलेंस का भी इस्तेमाल नहीं हो रहा है। लोगों ने सरकार और संबंधित विभाग से मांग की है कि अस्पताल में चिकित्सकों के पद भरने के साथ अल्ट्रासाउंड की सुविधा के लिए रेडियोलॉजिस्ट का पद भी सृजित किया जाए। ब्लॉक मेडिकल आफिसर चिकित्सक शाम लाल ने बताया कि रिक्त पदों को भरने के लिए विभाग को लिखा गया है। कहा कि यह एंबुलेंस रेडक्राॅस सोसायटी की ओर से चालक सहित प्रदान की गई थी। चालक के वापस चले जाने से एंबुलेंस ऐसे ही खड़ी है। इसे चलाने की अन्य किसी को जानकारी नहीं है।