तीन महीने से नहीं मिला है मानदेय प्रदेश के स्कूलों में mid-day meal कर्मचारियों के लिए शिक्षा निदेशालय ने 27 करोड़ का बजट जारी कर दिया है। स्कूलों...
Mid-day meal कर्मचारियों के लिए 27 करोड़ का बजट हुआ जारी
तीन महीने से नहीं मिला है मानदेय
प्रदेश के स्कूलों में mid-day meal कर्मचारियों के लिए शिक्षा निदेशालय ने 27 करोड़ का बजट जारी कर दिया है। स्कूलों को ये बजट जल्द ही मिल जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से अभी तक विभाग को बजट नहीं मिला था, लेकिन अब ग्रांट जारी होने के बाद स्कूलों को भी जल्द ही बजट जारी करने की बात कही जा रही है। गौर रहे कि पिछले तीन माह से कर्मचारी मानदेय मिलने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ एक दूर-दराज क्षेत्र के जिला में तो तीन माह से भी ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी तक उनके खाते में सैलरी नहीं डाली गई है। इस कारण कर्मचारी परेशान है।
मिड-डे मील वर्कर को केवल दस महीने का ही मिलता है मानेदय
मिड-डे मील वर्कर को केवल 4000 रुपए मानदेय मिलता है। यूनियन का कहना है कि मानदेय भी तीन महीने बाद मिलता है। इतने में परिवार को पालना मुश्किल है। छुट्टियों का कोई प्रावधान नहीं है। 26 बच्चों की शर्त की वजह से आज 15 वर्ष से सेवाएं दे रहे मिड-डे मील वर्कर को नौकरी छोडऩी पड़ रही है। मिड-डे मील वर्कर को केवल दस महीने का ही मानेदय मिलता है। उन्होंने कहा कि यूनियन मांग करती है कि हर महीने वेतन दिया जाए। किसी भी वर्कर की छंटनी न की जाए। निजीकरण पर रोक लगाने के साथ ही श्रम कोड रद्द कर सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए।