CM सुक्खू बोले जो लोग जनता के मतों से चुनकर आते हैं और नोटों के बल बिक जाते हैं, उन्हीं लोगों ने क्रॉस वोटिंग की मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह स...
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बागी नेताओं पर कसा तंज बोले-उछलकूद करने वाले कुएं के मेंढक सच्चे जनसेवक नहीं
CM सुक्खू बोले जो लोग जनता के मतों से चुनकर आते हैं और नोटों के बल बिक जाते हैं, उन्हीं लोगों ने क्रॉस वोटिंग की
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने चंबा चौगान से बागी नेताओं पर तंज कसा। कहा-कुएं के कुछ मेंढक उछलकर एक से दूसरी जगह जा रहे हैं। वह सच्चे जनसेवक नहीं हो सकते हैं। कहा कि डड्डू (मेंढक) महज उछलते हैं। लोकसभा चुनावों में जनता से छल करने वाले ऐसे लोगों को देवभूमि हिमाचल की जनता सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता खरीद-फरोख्त करने और सत्ता हथियाने की राजनीति कदापि सहन नहीं करेगी। राज्यसभा सांसद के चुनाव में भाजपा नेताओं ने चुनाव जीतने के लिए लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की। कहा कि जो लोग जनता के मतों से चुनकर आते हैं और नोटों के बल बिक जाते हैं, उन्हीं लोगों ने क्रॉस वोटिंग कर दी।
CM सुक्खू ने कहा हम कुर्सी गंवाने का नहीं, कुर्सी बचाने का प्रयास करते हैं
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तंज कसा कि जो कुर्सी के बिना नहीं रह सकते, उन्होंने सोचा कि कुर्सी को छीन लिया जाए। हम कुर्सी गंवाने का नहीं, कुर्सी बचाने का प्रयास करते हैं। कहा कि जब कोई विधायक बिकाऊ हो जाए तो उसके मन में डर होता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि छह बागी विधायक दस दिन से हिमाचल से बाहर रह रहे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ तैनात की गई है। वह हेलिकाप्टर से विधानसभा पहुंचे और वापस लौट गए। उन पर इतना पैसा आखिर कौन खर्च सकता है। अब बागी ऋषिकेश में ध्यान लगाकर पश्चाताप कर रहे हैं।
जल बिन मछली की तरह तड़प रहे बागी
फतेहपुर में जनसभा में उमड़ी भीड़ देखकर मुख्यमंत्री गदगद नजर आए। यहां उन्होंने स्थानीय विधायक भवानी सिंह पठानिया की खुलकर तारीफ की, वहीं उन्होंने कांग्रेस के बागियों पर हमला किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बागी डड्डू (मेंढक) की तरह कभी पंचकूला, कभी ऋषिकेश तो कभी हरिद्वार की छलांगें मार रहे हैं। इनकी हालत ऐसी है, जैसी जल बिन मछली तड़पती है। उन्होंने कहा कि बागी अब हिमाचल आने से डर रहे हैं। क्योंकि वह जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी, जिन्होंने उन्हें वोट डालकर क्षेत्र के विकास के लिए भेजा था, लेकिन वह निजी हित के चक्कर में पड़ गए।