आशा वर्कर्स की हिम्मत, बर्फबारी में पैदल नापा 15 किलोमीटर का सफर, ताकि पहुंचे पोलियो ड्राॅप्स

ये बहादुरी की दास्तां, एक आशा वर्कर ‘निरमा’ की नहीं है वर्ना बहुत सी आशा वर्कर इन्ही परिस्थितियों में काम कर स्वास्थ्य विभाग के हर लक्ष्य...

आशा वर्कर्स की हिम्मत, बर्फबारी में पैदल नापा 15 किलोमीटर का सफर, ताकि पहुंचे पोलियो ड्राॅप्स

आशा वर्कर्स की हिम्मत, बर्फबारी में पैदल नापा 15 किलोमीटर का सफर, ताकि पहुंचे पोलियो ड्राॅप्स

ये बहादुरी की दास्तां, एक आशा वर्कर ‘निरमा’ की नहीं है वर्ना बहुत सी आशा वर्कर इन्ही परिस्थितियों में काम कर स्वास्थ्य विभाग के हर लक्ष्य को पूरा करती हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जनपद का मलाणा गांव प्राचीन लोकतंत्र को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर पहचान का मोहताज नहीं है। लेकिन, आज ये इलाका न तो प्राचीन लोकतंत्र या फिर अन्य कारण को लेकर चर्चा में नहीं है, बल्कि इस कारण चर्चा में है, क्योंकि मलाणा की आशा वर्कर निरमा ने 15 किलोमीटर का सफर बर्फीले तूफान में पैदल तय कर नौनिहालों तक ‘दो बूंद जिंदगी की’ पहुंचाई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना था कि कुल्लू जनपद में 13 स्नो बाउंड पोलिंग बूथ हैं इन सभी केंद्रों पर आशा वर्कर्स ने ही पोलियो ड्राॅप्स की किट को पहुंचाया है 

निरमा ने जरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से पोलियो ड्राॅप्स की किट को बर्फ के फिसलन भरे सफर से गांव तक पहुंचाया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना था कि कुल्लू जनपद में 13 ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जो स्नो बाउंड हैं। इन केंद्रों में आशा वर्कर्स ने ही पोलियो ड्राॅप्स की किट को पहुंचाया। उनका कहना था कि मलाणा व ऊंची घाटी में कड़ी चुनौतियों के बीच हमारी आशा वर्कर्स ने इस कार्य को अंजाम दिया।