डाॅक्टरों के NPA और पदोन्नति संबंधित मामलों व SMC शिक्षकों के लिए नीति बनाने का फैसला भी कैबिनेट बैठक में हो सकता है राज्य सचिवालय में...
गुरुवार को हिमाचल कैबिनेट बैठक में डाॅक्टरों की मांगों सहित बजट घोषणाओं पर फैसला
डाॅक्टरों के NPA और पदोन्नति संबंधित मामलों व SMC शिक्षकों के लिए नीति बनाने का फैसला भी कैबिनेट बैठक में हो सकता है
राज्य सचिवालय में 7 मार्च को दोबारा से हिमाचल प्रदेश कैबिनेट बैठक होगी। गुरुवार दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में कई बजट घोषणाओं को मंजूरी दी जा सकती है। इस दौरान डाॅक्टरों के एनपीए और पदोन्नति संबंधित मामलों पर चर्चा होगी। सरकारी स्कूलों में कार्यरत एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने का फैसला भी बैठक में हो सकता है। लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लगने से पहले 7 मार्च के बाद एक और कैबिनेट बैठक होने की संभावना है।
डाॅक्टरों की मांगों पर फैसला जल्द
हिमाचल में मेडिकल अधिकारियों की मांगों पर जल्द फैसला होगा। इस मामले को 7 मार्च को होने वाली कैबिनेट की बैठक में लाया जा रहा है। ये डॉक्टर एनपीए जारी करने और अन्य मांगों को लेकर हर दिन ढाई घंटे की हड़ताल पर हैं। मेडिकल अधिकारी एसोसिएशन ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वह गुरुवार को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। 15 दिनों से ये डॉक्टर हड़ताल पर हैं। 12 बजे के बाद ही ये डॉक्टर ओपीडी में बैठकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
गुरुवार को डॉक्टर एसोसिएशन के सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला
दरअसल डॉक्टर एनपीए जारी करने के अलावा सेवानिवृत्त चिकित्सक को सेवा विस्तार न दिए जाने और पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू की ओर से आश्वासन मिलने के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं। इसके चलते उनमें रोष है। उधर, हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष राजेश राणा ने कहा कि सरकार ने आपदा के दौरान एनपीए बंद किया है। डॉक्टरों की पदोन्नति रुकी पड़ी है। सीएम के साथ भी बैठक हो चुकी है। लेकिन अभी तक मांगों पर गौर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को डॉक्टर एसोसिएशन ने सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला लिया है।
मरीज हो रहे परेशान
डॉक्टरों की हड़ताल के चलते हिमाचल के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। सुबह के समय डॉक्टरों के ओपीडी में न बैठने से मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।