हिमाचल प्रदेश में दिसंबर 20 से पहले शुरू न करें बगीचों में काट-छांट का कार्य

सर्दियों का मौसम आरंभ होते ही बागवान बगीचों में सेब के पेड़ों में तोलिए बनाने और उन्हें कैंकर रोग से बचाने के कार्य में जुट गए हैं। वहीं, दूसरी ओर उद्...

हिमाचल प्रदेश में दिसंबर 20 से पहले शुरू न करें बगीचों में काट-छांट का कार्य

हिमाचल प्रदेश में दिसंबर 20 से पहले शुरू न करें बगीचों में काट-छांट का कार्य

सर्दियों का मौसम आरंभ होते ही बागवान बगीचों में सेब के पेड़ों में तोलिए बनाने और उन्हें कैंकर रोग से बचाने के कार्य में जुट गए हैं। वहीं, दूसरी ओर उद्यान विभाग की ओर से बागवानों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं। इससे बागवान अपने बगीचों में लगे सेब के पेड़ों को सुरक्षित कर सकते हैं। उद्यान विभाग के उद्यान विकास अधिकारी डॉ. मनोहर लाल ने बताया कि बागवान अपने बगीचों में काट-छांट प्रूनिंग का कार्य 20 दिसंबर से लेकर 15 फरवरी के बीच में ही करें। कई बागवानों ने सेब के पत्ते झड़ने से पूर्व ही प्रूनिंग का कार्य आरंभ कर दिया है, जो कि पूर्णता गलत हैं। जिन बागवानों ने पौधों के तोलिए बना रखे है। उन पर अनुमोदित खाद की मात्रा मिला दें। साथ ही बगीचे में गिरे हुए सेब के सड़े-गले फल को उठाकर या मिट्टी में दबाकर नष्ट कर दें।


हिमाचल के बागवान परिवारों सहित सेब के बगीचों में डटे हुए हैं 

भरमौर उपमंडल के तहत आते 70 प्रतिशत ग्रामीणों की मुख्य फसल सेब हैं। सेब की फसल ही यहां के ग्रामीणों की आय का मुख्य साधन हैं। ऐसे में सर्दियां आरंभ होने और आगामी समय में सेब की उम्दा फसल के लिए पेड़ों के तोलिए बनाने और पेड़ों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए बागवान भी परिवारों सहित बगीचों में डटे नजर आ जाते हैं।

बागवान विभागीय अधिकारी के निर्देशों के अनुसार ही करेंगे स्प्रे

बागवान राजीव कुमार, नरेश कुमार, प्रमोद कुमार, किरपा राम, निधिया राम और राकेश कुमार ने बताया कि सर्दियों में पेड़ों की कटिंग-प्रूनिंग का कार्य कर तोलिए बनाए जाते हैं। आगामी दिनों में विभागीय अधिकारी के दिशा-निर्देशानुसार बगीचों में स्प्रे भी किया जाएगा। इससे फलदार पेड़ों को पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सके।